नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश चुनाव में अब कुछ ही महीनों का समय बाकी है, ऐसे में ओवैसी भी लगातार उत्तर प्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में लगे हैं। बीते रोज़ पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. अय्यूब अहमद ने ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुसलिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने की इच्छा ज़ाहिर की थी। आज उनकी पार्टी के राष्ट्री प्रवक्ता इंजीनियर शादाब चौहान ने फिर से ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने की इच्छा दोहराई है।
हम बिना शर्त इत्तेहाद चाहते हैं अपनों के बीच वोटों का बंटवारा रोकने के लिए और पैगाम देने के लिए,
असद भाई और उनकी AIMIM को तय करना है.
हमारे नेता ने साफ कर दिया जहां बोले वहां हम तैयार हैं.@warispathan @asadowaisi भाई हमारे नेता के पैगाम पर गौर करें कौम का फायदा होगा pic.twitter.com/WxHmbTTuGG— Shadab Chauhan شاداب چوہان (@shadab_chouhan1) October 22, 2021
शादाब ने एक वीडियो जारी कर कहा कि “हम बिना शर्त इत्तेहाद चाहते हैं अपनों के बीच वोटों का बंटवारा रोकने के लिए और पैगाम देने के लिए, असद भाई और उनकी AIMIM को तय करना है. हमारे नेता ने साफ कर दिया जहां बोले वहां हम तैयार हैं. वारिस पठान असदुद्दीन ओवैसी भाई हमारे नेता के पैगाम पर गौर करें कौम का फायदा होगा।”
रब का हुक्म मोमिन आपस में भाई,नबी स० का हुक्म अपने भाई की मदद कर ज़ालिम हो या मज़लूम।अवाम दिल से चाहती है,पीस पार्टी व AIMIM साथ मिलकर चुनाव लड़ें।फिर पीस पार्टी/AIMIM एक दूसरे के मुख़ालिफ़ क्यों ? पीस पार्टी मोमिनो,दलित-पिछड़ों की पार्टियों के साथ चुनाव लड़ने की हिमायत करती है।
— Dr. Mohammad Ayub (@ppayub) October 21, 2021
जानकारी के लिये बता दें कि बीते रोज़ पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब ने ट्वीट कर रब के फरमान हवाला देते हुए साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही है। डॉ. अय्यूब ने कहा था कि “रब का हुक्म मोमिन आपस में भाई,नबी स० का हुक्म अपने भाई की मदद कर ज़ालिम हो या मज़लूम। अवाम दिल से चाहती है,पीस पार्टी व AIMIM साथ मिलकर चुनाव लड़ें। फिर पीस पार्टी/AIMIM एक दूसरे के मुख़ालिफ़ क्यों? पीस पार्टी मोमिनो, दलित-पिछड़ों की पार्टियों के साथ चुनाव लड़ने की हिमायत करती है।”
नहीं मिला जवाब
पीस पार्टी की ओर से आए इस सुझाव पर एआएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैय्यद आसिम वक़ार ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है। पीस पार्टी ने 2012 में यूपी विधानसभा चुनाव में चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन 2017 में पार्टी अपनी इस लय को बरकरार नहीं रख पाई, खुद डॉक्टर अय्यूब भी ख़लीलाबाद विधानसभा सीट से चुनाव हार गए। उसके बाद से पार्टी लगातार अपना संगठन बनाने और जनाधार तलाशने की कोशिशों में लगी हुई है।