नई दिल्लीः दिल्ली के नज़फगढ़ में हिंदू सेना द्वारा कथित तौर पर मुसलमानों से अपने घर खाली करने की अपील करने के बाद क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया। आज जमीअत उलमा-ए-हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने इलाक़े के डीसीपी संतोष कुमार मीणा से मुलाकात की है। प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में डीसीपी को एक ज्ञापन भी सौंपा। इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील एडवोकेट मोहम्मद नूरुल्लाह ने डीसीपी को बताया कि इस तरह की घटना से इलाके के शांतिपूर्ण माहौल को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने डीसीपी को उस विवादित वीडियो का हवाला भी दिया जिसे हिंदू सेना के नाम से बनाए गए फेसबुक पेज पर किया गया था।
जानकारी के लिये बता दें कि 10 जुलाई को कथित तौर पर हिंदू सेना से संबंधित स्थानीय लोगों के एक समूह ने एक रैली आयोजित की थी। जिसमें इस क्षेत्र मुस्लिम निवासियों के खिलाफ नफरत का अभियान शुरू किया गया था। हिंदुवादियों ने स्थानीय मुसलमानों को 24 घंटे के भीतर क्षेत्र खाली करने की धमकी दी। नज़फगढ़ के स्थानीय लोगों ने कहा कि क्षेत्र में शांति भंग करने वाले ऐसे उपद्रवियों की संख्या बहुत कम है यदि पुलिस उचित कानूनी कार्रवाई करती है तो स्थिति को आसानी से दूर किया जा सकता है। स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि कुछ परिवार डर और हिंसा के कारण पहले ही यहां से पलायन कर गए थे।
जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल ने मुस्लिम विरोधी घृणा अभियान पर गहरी चिंता व्यक्त की और असहाय प्रभावित परिवारों के मुद्दों को उठाया। महसूस किया और संबंधित पुलिस विभाग से अपील की तत्काल हस्तक्षेप। डीसीपी संतोष कुमार मीणा ने स्थिति की गंभीरता को जानकर तुरंत संबंधित थाने के एसएचओ से बात की और पूरी जानकारी लेने का प्रयास किया. डीसीपी ने इस बाबत दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस प्रतिनिधिमंडल में डॉक्टर अजहर अली, फुरकान चौधरी और एडवोकेट मोहम्मद नूरुल्लाह शामिल थे।