पैग़म्बर-ए-इस्लाम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के कॉर्टून बनाना और उसको प्रकाशित करना अपमानजनक और असहनीय कृत्य है
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव हज़रत मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने अपने प्रेस बयान में बताया कि जे.सी. पब्लिकेशन्स दिल्ली ने आईसीएससी बोर्ड की सातवीं कक्षा की इतिहास से सम्बंधित पाठ्य पुस्तक में पैग़म्बर-ए-इस्लाम और हज़रत जिब्रईल अलैह सलाम पर कार्टून शामिल किया है।
मौलाना रहमानी ने इसकी कड़ी निन्दा की है, उन्होंने अपने बयान में कहा कि हर मुसलमान अपने नबी (सन्देष्टा) को अपनी जान, अपने माँ-बाप और अपनी सन्तान से भी ज़्यादा प्रेम करता है, वह आप ﷺ की शान में छोटी सी भी निन्दा सहन नहीं कर सकता, और पैग़म्बर-ए-इस्लाम की काल्पनिक छवि या कार्टून बनाना भी आप ﷺ के अपमान की श्रेणी में आता है, इसलिए सरकार को चाहिए कि तत्काल प्रभाव से उस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाए, उसकी कृतियों को ज़ब्त करे और लेखक व प्रकाशक के विरुद्ध उचित क़ानूनी कार्यवाही करे।
उन्होंने दिलाया है कि पिछले दिनों कानपुर में आयोजित होने वाली बोर्ड की सत्ताइसवीं बैठक में सरकार से मांग की गयी थी कि वह धर्मों की आस्थाओं के प्रतीकों अथवा पवित्र व्यक्तित्वों के अपमान से सम्बंधित प्रभावी क़ानून बनाए और उसको कड़ाई के साथ लागू करे, बोर्ड दुबारा अपनी माँग को दोहराना चाहता है और स्पष्ट करता है कि बोर्ड सभी धर्मों को आस्थाओं के प्रतीकों अथवा पवित्र व्यक्तित्वों के अपमान को जुर्म मानता है क्योंकि इससे जनता के एक बड़े वर्ग में द्वेष उत्पन्न होता है।