हिंदू बुजुर्ग की अर्थी को मुसलमान परिवार ने कंधा दिया। राम नाम सत्य है का उच्चारण भी किया। पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पटना के राजाबाजार में हर कोई देखता रह गया। आजकल देश में जो माहौल है, उसकी वजह से लोगों को आश्चर्य लग रहा था। मुस्लिम परिवार ने बजाप्ता अर्थी सजा कर हिंदू शख्स को अंतिम संस्कार के लिए राम नाम सत्य बोलते हुए पटना के गंगा घाट तक ले गए।
पटना की यह तस्वीर बताती है कि आम आदमी के दुख-दर्द एक जैसे हैं और इसमें साझीदार केवल अपने लोग ही हैं। यहां एक मुस्लिम परिवार ने 20 साल से अपनी दुकान में परिवार के सदस्य की तरह नौकरी कर रहे एक हिन्दू शख्स रामदेव की मौत के बाद शव का सनातन पद्धति से अंतिम संस्कार किया। पटना के समनपुरा इलाके में रहने वाले मुस्लिम परिवार के सदस्य अर्थी पर शव रख अंतिम संस्कार के लिए राम नाम सत्य बोलते हुए गंगा किनारे पटना के गुलबी घाट तक ले गए।
रामदेव, राजा बाजार के समनपुरा में रहने वाले मोहम्मद अरमान की दुकान में 20 साल से अकाउंटेंट थे। वह भटकते हुए राजा बाजार आए थे, काफी भूखे थे। तब उन्हें स्थानीय लोगों ने भोजन कराया था। बातचीत में उनके पढ़े-लिखे होने का पता चला तो अरमान ने अपनी दुकान में अकाउंटेंट के रूप में रख लिया। तब से वे लगातार उन्हीं के यहां काम कर रहे थे।
शुक्रवार को किराए के घर में अचानक सोये में उनकी मृत्यु हो गई। तब मकान मालिक ने यह जानकारी मोहम्मद अरमान व उनके भाई को दी। अर्थी को मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद अरमान, मोहम्मद राशिद और मोहम्मद इजहार ने कंधा दिया। नफरतों की काली साजिशों के बीच ऐसे समाचार आशा, उम्मीद और भरोसा जताते हैं। पटना के साथी इन लोगों का जा कर अभिनन्दन जरूर करें।