नई दिल्लीः इजरायली पुलिस ने रविवार को कार्यकर्ता और पत्रकार मुना अल-कुर्द को यरुशलम में शेख जर्राह पड़ोस में उसके घर से गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी की जानकारी उनके दोस्तों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से दी गई है। वहीं फिलिस्तीनी समाचार वफ़ा एजेंसी को दिए बयान में, मुना अल-कुर्द के पिता, नबील अल-कुर्द ने कहा कि इजरायली बलों ने उनकी बेटी मुना को गिरफ्तार करने से पहले “उकसाने वाले तरीके से” उनके घर पर धावा बोला और उनके भाई मोहम्मद अल-कुर्द के लिए एक समन वारंट दिया, हालांकि मोहम्मद अल-कुर्द गिरफ्तारी के समय घर पर नहीं थे।
उन्होंने कहा कि इजरायली सेना उनकी बेटी को मध्य यरुशलम में सालाह अल-दीन स्ट्रीट पर पुलिस स्टेशन ले गई। एक दिन पहले ही मोहम्मद अल-कुर्द ने कहा था कि इजरायलियों ने पुलिस की मौजूदगी में उनके घर पर पत्थर और गैस के गोले दागे लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जानकारी के लिये बता दें कि कुर्दों की गिरफ्तारी इजरायली पुलिस द्वारा हमले के 12 घंटे बाद हुई, इनके साथ अल जज़ीरा की संवाददाता गिवारा बुदेरी और फोटोग्राफर नबील मज़ावी को भी कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। गिरफ्तार किये गए पत्रकार नक्सा की 54 वीं वर्षगांठ पर शेख जर्राह में हो रहे प्रदर्शनों को कवर कर रहे थे।
We have received news this morning that Muna Al Kurd was arrested by Israeli police. We spent time with her in Sheikh Jarrah for our doc and these past few months the world has gotten to know her but she’s been fighting against the threat of losing her home for most of her life pic.twitter.com/I2MpTQuye2
— Hind Hassan (@HindHassanNews) June 6, 2021
जेरूसलम में इजरायली पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने कहा “पुलिस ने अदालत के आदेश के तहत एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है, जो पूर्वी यरुशलम का निवासी था, जिस पर दंगों और हिंसक प्रदर्शनों में होने का शक था, जिसे पूछताछ के लिये पुलिस स्टेशन ले जाया गया है।”
शुक्रवार को हुई थी झड़प
जानकारी के लिये बता दें कि बीते शुक्रवार को, पूर्वी यरुशलम मैराथन में भाग लेने वालों पर इजरायली बलों द्वारा की गई कार्रवाई के बाद कम से कम 23 लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी। धावकों ने इन क्षेत्रों में अपने घरों से जबरन निष्कासन का सामना करने वाले फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता में शेख जर्राह और सिलवान के पूर्वी यरुशलम पड़ोस के बीच 3.5 किमी की मैराथन में हिस्सा लिया था। इस मैराथन में शिरकत करने वाले सभी लोगों ने सफेद टी-शर्ट पहनी थी, जिस पर 7850 नंबर लिखा था। इस नंबर के बारे में कार्यकर्ताओं ने बताया कि यरूशलेम में जबरन विस्थापन के खतरे के तहत फिलिस्तीनियों की कुल संख्या 7850 है।
‘मैं अपना घर नहीं छोड़ूंगा’
मुना अल-कुर्द और उनके जुड़वां भाई मोहम्मद फिलिस्तीनियों की सोशल मीडिया आवाज के रूप में उभरे हैं। लेकिन इस इलाक़े में लंबे समय से रहने वाले फिलिस्तीनी इन दिनों इसराइली अदालत के फैसले के बाज पैदा हुए ख़तरे का सामना कर रहे हैं। अदालत के फैसले के मुताबिक़ इन फिलिस्तीनियों को अपने घर छोड़ने होंगे और इनके स्थान पर इजरायलियों को बसाया जाएगा। पिछले महीने ही अल-कुर्द ने अदालत के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए कहा था कि, “अगर वे हमें जबरन निकालने के लिए हमारे घर पर छापा मारते हैं, तो मैं अपने कमरे में खुद को जंजीर से बांध लूंगी।” फ़िलिस्तीननियों की आवाज़ बन चुकी मुना अल-कुर्द आगे कहा था कि “मैं शेख जर्राह में अपना घर नहीं छोड़ूंगी।”
इज़राइल द्वारा मुना अल-कुर्द का उत्पीड़न 2001 में शुरू हुआ था, उस वक्त वह मात्र तीन वर्ष की थी। जब उनके घर का एक हिस्सा बंद कर दिया गया था और इसकी चाबियों को जब्त कर लिया गया था। इस मकान के आधे हिस्से पर 2009 से इजराइल द्वारा थोपे गए लोगों का कब्ज़ा है।
ऐतिहासिक शेख जर्राह जिला फिलिस्तीनी शरणार्थियों के वंशजों द्वारा बसाया हुआ है, जिन्हें 1948 के फिलीस्तीनी नकबा (तबाही) के दौरान ज़ायनिस्टों द्वारा उनके कस्बों और गांवों से निष्कासित कर दिया गया था। मई से शेख जराह में कम से कम 13 परिवारों को अपना घर छोड़ने का आदेश दिया गया है। यहां पीढ़ियों से रहते आ रहे 58 लोगों को अपने घरों से निष्कासन के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
Sheikh Jarrah resident, Muna Al Kurd has just been arrested a moments ago by the Israeli police. #SheikhJarrah https://t.co/Ay4cElVnx8
— Ikhwan (@JatIkhwan) June 6, 2021
इस्राइली पुलिस ने पिछले महीने इसराइल में शेख जर्राह और अन्य फ़िलिस्तीनी शहरों में एकजुटता के विरोध में आक्रामक रूप से इसे बंद करके अल-अक्सा मस्जिद पर छापा मारा था। जिसकी जवाबी कार्रवाई में, हमास ने इज़राइल पर रॉकेट दागे और इज़राइल ने गाजा पर बम बरसाने शुरु कर दिए। 11 दिनों तक चले इस संघर्ष में कम से कम 248 फिलिस्तीनी गाजा के इजरायली बमबारी से मारे गए थे, जबकि 29 इजरायली बलों द्वारा कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में मारे गए थे, वहीं इज़राइल में, गाजा से दागे गए रॉकेटों में कम से कम 12 लोग मारे गए थे।