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यूपी के मुस्लिम बहुल्य क्षेत्र में MRM का जनजागरण अभियान: प्रबुद्ध समाज ने धर्म संसद पर जताई चिंता, कड़वाहट दूर करने पर सहमति

नई दिल्लीः दस सदस्यीय मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की एक टीम ने रविवार को अमरोहा, मुरादाबाद और रामपुर का जनजागरण अभियान के तहत दौरा किया। इस दौरान शहर जामा मस्जिद के काजी, मौलाना, प्रबुद्ध डॉक्टर, वकील, इंजीनियर समेत अनेकों बुद्धिजीवीयों के साथ गहन चिंतन व मंथन हुआ। इस दौरान मुस्लिमों की समस्याओं और समाधान पर लंबी चर्चा हुई। मंच की तरफ से राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर अख्तर, मदरसा बोर्ड उत्तराखंड के चेयरमैन बिलाल उर रहमान, हज कमिटी के पूर्व चेयरमैन मजाहिर खान, हिंदुस्तान फर्स्ट हिंदुस्तानी बेस्ट की टीम के कोर सदस्य बदरुद्दीन खान, अकील अहमद खान और मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने टीम को लीड किया।

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समाज के जिन बुद्धिजीवी वर्ग से मंच ने डायलॉग किया वो सभी न केवल प्रबुद्ध वर्ग से आते हैं बल्कि समाज और समुदाय को प्रभावित करने वाले लोग हैं और उनका समाज में भारी दबदबा है। रणनीति के हिसाब से देखा जाए तो अमरोहा, मुरादाबाद और रामपुर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं। बैठक में मुस्लिम समाज के शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वाबलंबन और महिलाओं से जुड़े मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई। लोगों ने अपने रोजमर्रा की शिकायतें भी कि और सरकार से इसका समाधान चाहा। मंच की तरफ से राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर अख्तर ने बुद्धिजीवियों की टीम को आश्वस्त किया कि उनकी शिकायतें पहले से ही दूर की जा रही हैं लेकिन कुछ शिकायतें जो रह गई वह सभी संबंधित अधिकारियों पहुंचाई जाएगी।

मुस्लिम समाज ने बढ़ते वैमनस्य पर भी अपनी आवाज उठाई। उनकी शिकायत थी कि उत्तराखंड में धर्म संसद से ऐसी आवाजें उठी हैं जो किसी भी सभ्य समाज के लिए सही नहीं है। डॉक्टर अख्तर ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार या संघ का ऐसी किसी धर्म संसद से कोई लेना देना नहीं और मंच और सरकार ऐसी किसी भी बातों का पुरजोर विरोध करती है। मंच के सदस्यों ने यह भी कहा कि हिंसा या हिंसक तत्व चाहे पाकिस्तान में हो या बांग्लादेश में हो भारत में हों… मंच ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करता है और इसकी कड़ी निन्दा करता है।

शिक्षित बेरोजगारों की समस्याओं पर भी बुद्धिजीवियों ने अपनी बात रखी। जिस पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि मोदी और योगी सरकार इन सभी मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों को 1500 रुपए महीना स्टाइपेंड और स्वाबलंबन की दिशा में बढ़ने के लिए 25 लाख रुपए का लोन देने का प्रावधान किया है। इसके अलावा सरकार स्किल इंडिया के माध्यम से भी लोगों को लगातार जोड़ रही है ताकि स्वाबलंबन की दिशा में युवा कदम रख सकें। सीखो कमाओ नई मंजिल के नाम से सरकार योजना चला रही है जिसका फायदा युवाओं और जरूरतमंदों को मिल रहा है।

शाहिद सईद ने बताया कि लोकतंत्र का दूसरा नाम पारदर्शिता है और इसे मोदी और योगी सरकार ने भलिभांति निभाया है। सरकार ने जनअधिकारों और मौलिक अधिकारों के क्षेत्र में बड़ा काम किया है। आज बच्चा-बच्चा स्कूल जाता है, एक बेहतर कल बनाता है अपने लिए और अपने देश के लिए। सरकार ने जनता को रोजगार की सुरक्षा दी है। कोविड के मुश्किल समय में भी देशवासियों भरपूर सहारा मिला। भोजन का अधिकार दिया सरकार ने ताकि किसी को भूख का सामना ना करना पड़े। इसके लिए कोविड के कठिन समय में देश की 80 करोड़ जनता को सरकार ने भजोन, दवा आदी का प्रबंध किया। बीजेपी सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के साथ साथ महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। इस दौरान महिलाओं के लिए शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार से जोड़ने को लेकर बड़ी मुहिम चलाई जा रही है। माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के तहत सरकार अनेकों योजनाएं चला रही है जिनका लाभ स्वाबलंबन में हो रहा है। सरकार ने समाज को इज्जत घर दिया। गांव में महिलाएं खुले में शौच के लिए मजबूर थीं। आज देश में करोड़ों टॉयलेट बीजेपी सरकार ने बनवा कर महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा की है। मुद्रा लोन के माध्यम से खुद का रोजगार शुरू करने का सरकार ने अवसर दिया है। तीन तलाक को कानूनी जामा पहना कर मुस्लिम महिलाओं के हाथ में शक्ति दी है… आज वो सकून व सम्मान से अपनी जिंदगी खुल के जी सकती हैं। अब उनके ऊपर सर पर हर समय तलाक की तलवार नहीं लटक रही होती है।

इस बीच मदरसों और सरकार के उठाए गए कदमों पर चर्चा हुई। मुस्लिम बुद्धिजीवियों को यह चिंता थी कि सरकार उनके मदरसों पर लगाम लगा रही है। मंच की तरफ से मदरसा बोर्ड चेयरमैन बिलाल उर रहमान ने उन्हें आश्वस्त किया की किसी भी मदरसे पर लगाम लगाने या बंद करने की कोई योजना नहीं है। बल्कि मदरसे में दुनियावी तालीम के साथ दुनियावी शिक्षा भी देने की कवायद की जा रही है। मदरसों को रेगुलराइज किया जा रहा है और उनको पोर्टल से जोड़ा जा रहा है ताकि हर तरह की ट्रांसपेरेंसी रहे। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के मदरसों के लिए 2400 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं ताकि मदरसों का आधुनिकीकरण हो और उसमें सरकारी शिक्षक रखे जा सकें।

मुस्लिम महिलाओं के विवाह की उम्र 21 वर्ष करने के सरकार के कदम का मुस्लिम समाज ने स्वागत किया।