नई दिल्लीः पंजाब के मलेरकोटला जिले में दो विधानसभा हैं। दोनों सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत हासिल हुई है। मलेरकोटला विधानसभा से आम आदमी पार्टी के मोहम्मद जमील उर रहमान ने तीन बार की कांग्रेस विधायक रजिया सुल्ताना को हराया है। मोहम्मद जमील उर रहमान ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी एवं मंत्री रजिया सुलताना को 21668 मतों के बड़े अंतर से हराया।
कौन हैं रज़िया सुल्तान
रजिया सुल्तान इस सीट पर तीन बार से जीतती आ रही थीं। वे कांग्रेस की अमरिंदर सरकार में मंत्री भी थीं। रज़िया सुल्तान के पति आईपीएस हैं, और राज्य में डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर रहे हैं। राज्य में चली आप की आंधी में रज़िया सुल्तान अपना क़िला बचाने में नाकाम रहीं और आम आदमी पार्टी के मोहम्मद जमील उर रहमान से हार गईं। मलेरकोटला की अमरगढ़ सीट पर आम आदमी पार्टी के सिमरनजीत सिंह मान विधायक चुने गए हैं।
पंजाब राज्य की मलेरकोटला विधानसभा काफी महत्वपूर्ण सीटों में मानी जाती है. इस सीट को कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता है. साथ ही शिरोमणि अकाली दल का भी इस सीट पर अच्छा दबदबा रहा है. साल 2002 से मलेरकोटला विधानसभा सीट पर कांग्रेस तीन चुनाव जीत चुकी है. 2017 के चुनाव में भी इस सीट पर कांग्रेस की रजिया सुल्ताना ने अकाली दल के मोहम्मद ओवैस को 12,702 वोटों के अंतराल से पराजित कर कब्जा बरकरार रखा था.
यह सीट पंजाब के मलेरकोटला जिले और संगरूर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली उन सीटों में शुमार है जहां पर कांग्रेस लंबे समय तक चुनाव जीतती रही है. 2017 में कांग्रेस की रजिया सुल्ताना को 58,982 (46.72%) वोट हासिल हुए थे. वहीं, अकाली दल के मोहम्मद ओवैस को 46,280 (36.66%) मत प्राप्त हुए थे. जबकि तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आम आदमी पार्टी रही. आप ने 2017 में मोहम्मद अरशद को 17,635 (13.97%) वोट हासिल हुए थे. इस सीट पर कुल मतदाता 1,59,095 हैं।
कांग्रेस ने 1977 से लेकर 2017 तक के सभी चुनावों में 5 बार जीत दर्ज की है और अकाली दल ने चार बार जीत का परचम लहराया है. 1977, 1985, 1997 और 2012 के चुनाव में अकाली दल ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस 1980, 1992 2002, 2007, 2017 के चुनावों में विजय पताका फहरा चुकी है.