हैदराबादः पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के अध्यक्ष पद पर फिर से बहाल कर दिया गया है। लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दीपक वर्मा ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए अजहरुद्दीन को निलंबित करने वाले एपेक्स काउंसिल के पांच सदस्यों पर कारवाई करते हुए उन्हें अस्थाई रूप से अयोग्य कर दिया है।
अजहरुद्दीन को बीते दिनों नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में इस पद से बर्खास्त किया गया था। उल्लेखनीय है कि पूर्व भारतीय कप्तान को सितंबर 2019 में एचसीए का अध्यक्ष बनाया गया था। एचसीए लोकपाल ने अंतरिम आदेश में एचसीए एपेक्स काउंसिल के पांच सदस्यों उपाध्यक्ष के जॉन मनोज, आर विजयानंद, नरेश शर्मा, सुरेंदर अग्रवाल और अनुराधा को अस्थाई रूप से अयोग्य करार दिया है, जिनकी ओर से काउंसिल के संविधान के कथित उल्लंघन का हवाला देते हुए अजहरूद्दीन को निलंबित किया गया था।
लोकपाल दीपक ने आदेश में कहा, “अजहरुद्दीन के खिलाफ शिकायत लोकपाल के पास नहीं भेजी गई, इसलिए इसकी कोई मान्यता नहीं है। एपेक्स काउंसिल स्वयं इस तरह के फैसले नहीं कर सकता, इसलिए अगर इन पांच सदस्यों द्वारा क्रिकेट संघ के निर्वाचित अध्यक्ष को निलंबित करने के लिए कोई प्रस्ताव पारित किया गया है तो मैं उसे रद्द करने को उचित समझता हूं और कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह निर्देश देता हूं कि पांचों सदस्य एचसीए अध्यक्ष मोहम्मद अजहरूद्दीन के खिलाफ आगे कोई भी कार्रवाई करने से दूर रहें।”
उन्होंने कहा, “मैं निर्देश देता हूं कि मोहम्मद अजहरुद्दीन एचसीए के अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे और पदाधिकारियों के खिलाफ सभी शिकायतों पर लोकपाल द्वारा ही निर्णय लिया जाएगा। उपरोक्त तथ्यों और विशेषताओं से यह स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है कि क्रिकेट के खेल को प्रोत्साहित करने के बजाय हर कोई उन कारणों के लिए राजनीति कर रहा है जो उन्हें सबसे अच्छी तरह से पता हैं। इससे उस उद्देश्य को कोई मतलब नहीं रह जाता जिसके लिए एचसीए का गठन किया गया है।”
उल्लेखनीय है कि अजहरुद्दीन पर नियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाने के बाद उन्हें 15 जून को निलंबन का नोटिस भेजा गया था। उन पर एचसीए के खाते से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था।