गिरीश मालवीय
सी शिवशंकरन दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते हैं, यदि वह उत्तर भारत के उद्योगपति होते तो अब तक बहुत हिंदी मीडिया में बड़े स्तर पर हंगामा मच गया होता. चेन्नई के बिजनसमैन सी शिवशंकरन पर मोदी सरकार गजब की मेहरबान है। उनके शिवा ग्रुप का 4863 करोड़ रु. का लोन 323 करोड़ रुपये में खत्म किया जा रहा है। पेमेंट शेड्यूल के मुताबिक, बैंक को 323 करोड़ रुपये के भुगतान भी उन्हें 6 महीने में करना है अभी के लिए एडवांस पेमेंट तो उन्हें मात्र 5 करोड़ रुपये देना है. इतना ही नहीं सी शिवशंकरन अब शिव इंडस्ट्रीज के नाम पर नए लोन का लाभ भी उठा सकते हैं.
सी शिवशंकरन ने सिर्फ यही ‘कांड’ नही किया है यदि यह कहा जाए कि IDBI बैंक को और IL&FS जैसे मेगा ऑर्गेनाइजेशन को डुबोने में इनका बहुत बड़ा रोल रहा है तो गलत नहीं होगा। शिवा ग्रुप को लोन देने वाले लीड बैंकर के रूप में IDBI बैंक उसी सी शिवशंकरन के साथ मामले का निपटारा कर रहा है, जिसे आईडीबीआई लोन केस में सीबीआई की जांच का सामना करना पड़ा था, 2010-14 के बीच 600 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड में सी शिवशंकरन मुख्य अभियुक्त थे।
कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री की इनवेस्टिगेटिव टीम SFIO ने अपनी जांच के आधार पर एक चार्ज शीट दायर की थी। इस चार्जशीट में ग्रुप चेयरमैन सी शिवशंकरन सहित कई दूसरे लोगों का नाम थे सीबीआई ने एफआईआर में शामिल लोगों के नाम सभी एयरपोर्ट को सर्कुलर जारी किया था। लेकिन बाद में इस नोटिस को हल्का कर दिया ताकि शिवशंकरण विदेश यात्रा कर सके इस मामले में तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा का नाम भी उछला था कहा जाता है, कि किसी संयुक्त निदेशक रैंक के अधिकारी ने नोटिस को हल्का करने के लिए शिवशंकरन से अपने दफ्तर और पांच सितारा होटेल में मुलाकात की थी।
सी शिवशंकरन का IL&FS से भी सीधा संबंध था IL&FS ने पिछले 2018 सितंबर में डिफॉल्ट किया था। इससे पैदा हुए संकट की जद में तमाम नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां भी आ गईं थी। दरअसल शिवशंकरण ने आईएलऐंडएफएस के कम-से-कम तीन बड़े अधिकारियों- रवि पार्थसारथी, विभव कपूर और हरि शंकरण को लोन दिलवाने के लिए बतौर रिश्वत कई सुविधाएं उपलब्ध कराई थी उनमें विदेशों का पर्यटन, प्राइवेट जेट्स और हेलिकॉप्टर की सवारी, रेजॉर्ट्स बुकिंग और यहां तक कि बेल्जियम के ब्रसेल्स के फ्लैट्स की आंतरिक साज-सज्जा तक करवाना शामिल है। तीनों अधिकारियों ने इन सबके बदले शिवशंकरण के पक्ष में काम किया और इन अधिकारियों ने शिवशंकरन को शिव ग्रुप को पिछला लोन चुकाने के लिए नया लोन जारी किया ताकि पिछला लोन नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट (एनपीए) कैटिगरी में नहीं जा सके, यानी IDBI बैंक को और IL&FS ग्रुप को डुबोने मे शिवशंकरन सीधे दोषी है लेकिन उन्हें सजा दिलवाने के बजाय उनके लोन लगभग मुफ्त के भाव सेटल किये जा रहे है।
साफ दिख रहा है कि मोदी सरकार सी शिवशंकरन को अनुचित तरीके से लाभ पुहंचा रही है सवाल यह है कि ऐसा क्यो? दरअसल सी शिवशंकरन वही है जिन्होंने टेलिकॉम कंपनी एयरसेल (Aircel) की स्थापना की थी। शिवशंकरण 2G घोटाले से संबंधित एयरसेल-मैक्सिस केस के मुख्य शिकायतकर्ता थे जिसमें पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि का नाम था।1 अप्रैल 2015 को ईडी ने मारन के भाई की 742 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली. इस मामले में सुब्रमण्यन स्वामी ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम पर भी आरोप लगाया कि उन्हें इस डील में एयरसेल के पांच फीसदी शेयर मिले हैं। इसका मतलब यह है कि सी शिवशंकरन ऐसे शख्स है जो पी चिदम्बरम के पूरे परिवार को लपेटने की सबसे अहम कड़ी है अब ऐसे शख्स पर मोदी मेहरबानी न दिखाए तो किस पर दिखाएंगे।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार एंव आर्थिक मामलों के जानकार हैं)