इस देश में ‘खुल्ला खेल अहमदाबादी’ चल रहा है, कल खबर आई कि भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने अडानी एंटरप्राइजेज को कोयला आयात करने के लिए साढ़े छ हजार करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट दिए हैं। इसके अलावा अनेक भाजपा शासित राज्यो से भी अडानी को कोयला आयात करने के आर्डर दिए जा रहे हैं लेकिन एक बात बताइए कि जब कोयला भारत में भरपूर मात्रा में उपलब्ध है तो फिर ऐसे ऑर्डर क्यों दिए जा रहे हैं?
यही वो खेल अहमदाबादी है जिसकी हम बात कर रहे हैं। ऐसे ऑर्डर मोदी सरकार के निर्देश पर दिए जा रहे हैं, 2022 में अभूतपूर्व बिजली संकट खड़ा कर दिया गया है, इस संकट के लिए मोदी सरकार की हीला हवाली जिम्मेदार है। इस पॉवर क्राइसिस के चलते मोदी सरकार अब राज्यों पर किसी भी कीमत पर कोयला आयात का दबाव बनाने में जुट गई है हर दो दिन में चिट्ठी लिखी जा रही है कि विदेश से चार गुना दाम पर कोयला मंगाओ। नीचता की हद यहां तक है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने आदेश जारी करके चेताया है कि जो राज्य कोयला आयात नहीं करेंगे उनके घरेलू कोयले के आवंटन में 40 फीसदी तक की कटौती कर दी जाएगी।
यानि जो विदेश से ( अडानी से ) कोयला नही मंगाएगा उसे कोल इंडिया से भी कोयला नही दिया जायेगा? हालत यह है कि छत्तीसगढ़ जेसे राज्य में जहां भरपूर मात्रा में कोयला मौजूद हैं उसे भी विदेशी कोयला आयात करने को कहा जा रहा है!
मोदी सरकार द्वारा सभी राज्यों की बिजली उत्पादन कंपनियों और निजी बिजली उत्पादकों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि राज्यों के जिन बिजलीघरों ने 3 जून तक कोयला आयात करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की है अथवा आयातित कोयले के लिए कोल इंडिया को इंडेंट नहीं दिया है। उनके घरेलू कोयले के आवंटन में 7 जून से 30 प्रतिशत कटौती कर दी जाएगी। पत्र में कहा गया है कि कोयला आयात न करने पर 15 जून से घरेलू कोयला आवंटन में कटौती बढ़ाते हुए 60 प्रतिशत ही आवंटन किया जाएगा।
कमाल की बात यह भी है कि सरकार दावा करती है कि कोल इंडिया का उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ा है और कोयले का कोई संकट नहीं है। दूसरी ओर अब केंद्र सरकार राज्यों से कोयला आयात करने को कह रही है। और वो भी चौगुने दामों पर! हम जानते है कि कोयला के आयात का एकमात्र खिलाड़ी है गौतम अडानी, उसी के पास विदेशों में कोयले की खदानें है तो जाहिर है कि कोयला उसी से मंगवाया जायेगा।
2014 में मोदी जी ने बीच में पड़कर आस्ट्रेलिया में करमाइल की कोयला खदान का सौदा करवाया था, पूरी दुनिया में उसे कोई लोन नहीं दे रहा था तो एसबीआई से उसे लोन दिलवा कर खदान खरीदवाई गई दो महीने पहले की खबर है कि उस खदान में उत्पादन शुरू हो गया है। कुछ आया समझ में ‘खेल अहमदाबादी’ ?