गिरीश मालवीय
अरनब और अरनब जैसे तमाम बीजेपी की थाली की झूठन चाटने वाले विशिष्ट ‘जीव-जंतु’ महीने भर से टीवी पर चिल्ला चिल्ला कर पूछते रहे कि ‘इंडिया वान्ट्स टू नो’ मौलाना साद को गिरफ्तार क्यो नही किया जा रहा है? ये सवाल उन्होंने सरकार के अलावा हर दल के छोटे मोटे प्रवक्ता ओर 5000 रुपये के लालच में टीवी पर आकर कौम की एवज में लिटरली गाली खाते हुए मौलानाओं से बार बार पूछा. आज इस बहुत छोटे से सवाल का जवाब इंडियन एक्सप्रेस ने खोज निकाला है कि मौलाना साद को गिरफ्तार क्यो नही किया जा रहा है?
इंडियन एक्सप्रेस लिखता है कि इंस्पेक्टर सतीश कुमार की अगुवाई वाली जांच टीम वायरल हुई ऑडियो क्लिप का पता लगाने की कोशिश कर रही है। लेकिन लैपटॉप से ऐसी कोई क्लिप बरामद नहीं हुई है, जिसके चलते मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जांच में पता चला है कि वायरल ऑडियो क्लिप में धर्म और पुलिस को लेकर जो बयान दिया गया है, वो अलग अलग आयोजन में और किसी और संदर्भ में दिया गया था, जिसे ऑडियो में जोड़ दिया गया है। जांच टीम ने नोटिस किया है कि वायरल ऑडियो कई अन्य क्लिप को जोड़कर बनायी गई है। फिलहाल वायरल ऑडियो को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है.
दरअसल मौलाना साद के खिलाफ मुकेश वालिया की शिकायत के आधार पर एक मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें कथित तौर पर मौलाना साद की एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने की शिकायत की गई थी। इस ऑडियो क्लिप में मौलाना साद अपने समर्थकों, अनुायियों से कथित तौर पर लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने और धार्मिक सम्मेलनों में शामिल होने की बात कह रहे हैं।
यानी जब ऑडियो क्लिप ही झूठी निकली तो दिल्ली पुलिस किस मुंह से मौलाना साद को गिरफ्तार करने के लिए जाएगी? यह बात शुरू से पुलिस को मालूम थी और इसलिए ही इस मामले को लंबे समय तक लटका के रखा गया ताकि इन बिके हुए चैनलों पर बहस चला चला कर कोरोना जैसी बीमारी पर मुसलमानों से नफरत फैलाने के एजेंडा पर भरपूर काम किया जा सके, और वो अपने एजेंडे में कामयाब हो चुके हैं “तबलीगी’ शब्द को अब एक गाली सरीखा इस्तेमाल किया जा रहा है.
अब सारे नफरती चैनलो पर दिन भर बकवास करते हुए न्यूज़ एंकर्स इस डॉक्टर्ड क्लिप वाली खबर पर चुप्पी साध जाएंगे! वो यह कभी नही पूछेंगे कि यह डॉक्टर्ड ऑडियो क्लिप बनाई किसने? क्योंकि वह अगर ऐसा पूछेंगे तो खुद ही एक्सपोज हो जाएंगे.
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)