मौलाना महमूद मदनी की मुसलमानों को सलाह, ‘दूसरे धर्म के मानने वालों को काफिर न कहें’

नई दिल्लीः जमीअत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी, हिंदुओं को काफिर कहने के खिलाफ हैं। इस बारे में तर्क देते हुए वह कहते हैं, “ यह एक टर्मनोलॉजी है। बहुत पहले यह फैसला हो चुका है कि अगर काफिर कहने से किसी को तकलीफ होती है तो उसे काफिर न कहा जाए। इसके अलावा लड़ने वाले के लिए काफिर शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में ग़ैर मुस्लिम को काफिर बताना गलत है।”

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

मौलाना महमूद मदनी ने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में केंद्र की मोदी सरकार की विदेश नीति की भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में जिस तरह की विदेश नीति दिखती है, उसकी तारीफ होनी चाहिए। तारीफ नहीं होती है तो कंजूसी या नाइंसाफी होगी। मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि दुनियाभर में भारत की एक स्वतंत्र भूमिका बहुत दिनों बाद देखने को मिली है।

मौलना महमूद मदनी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश नहीं झुकने दूंगा, को प्रैक्टिकली करके दिखाया है। मौलाना महमूद मदनी ने टीवी कार्यक्रम में और भी मुद्दों पर अपनी राय रखी। इस दौरान मदनी से यह पूछे जाने पर कि आखिर हिंदुओं को काफिर क्यों कहा जाता है। हिंदू काफिर हैं या नहीं? इस पर मदनी ने अपने तर्कों से हिंदुओं को काफिर कहने को गलत बताया।

अज़ान और लाउडस्पीकर विवाद पर क्या बोले

अजान और लाउडस्पीकर के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि अजान से लाउडस्पीकर को हटाने में कोई बुराई नहीं है। कम आवाज में लाउडस्पीकर रखना सही है। टीवी कार्यक्रम में योगी की तारीफ करते हुए मदनी ने कहा,उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सभी वर्गों पर समान नियम लागू किया है। केवल खास वर्ग को टारगेट किया जाए वो गलत है।

हिजाब पर पूछे गए सवाल के जवाब में जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। मुस्लिम लड़कियों को हिजाब की वजह से पढ़ने से न रोका जाए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को 20साल तक बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा हिंदी को लेकर मदनी ने कहा कि उर्दू हमारी मदर टंग भले है, लेकिन हिंदी के विकास और उत्थान पर काम होना चाहिए। हालांकि मौलाना महमूद मदनी ने ज्ञानवापी मुद्दे पर कहा किसी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर इस विषय में बात नहीं की जाएगी।

बुलडोजर की राजनीति पर क्या बोले

एक सवाल के जवाब में मदनी ने कहा, बीते कुछ समय में मुसलमानों की जिंदगी में बदलाव तो आया है, हालांकि कहीं तकलीफ तो है लेकिन बदलाव को मना नहीं किया जा सकता है। वहीं बुलडोजर की कार्रवाई पर मौलाना मदनी ने मध्य प्रदेश के खरगोन का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार की तरफ से पक्षपाती कार्रवाई हुई है। हम सरकार को मौका देना चाहते हैं, सुधार नहीं हुआ तो कोर्ट में जाएंगे।

मदरसे को सरकारी पैसे मिलने पर मौलाना मदनी ने कहा कि, सरकार जिस भी मदरसे को पैसे दे रही है, उसे देना बंद करे। मदरसे को सरकार के पैसे की क्या जरुरत है। अगर सरकार को किसी समुदाय का उत्थान करना है, उसकी मदद करनी है तो सरकार को स्कूल बनाना चाहिए। अगर कोई समुदाय अपना मदरसा या गुरुकुल चलाना चाहता है तो वो अपने पैसे से चलाए।