नई दिल्लीः जमीयत उलमा-ए-हिंद (ए.एम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी को अमीर-उल-हिंद चुना गया है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के दिल्ली स्थित मुख्यालय पर आयोजित हुई इमारत ए शरिया हिंद एक महत्तवपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इस बैठक में देश भर के ख्याती प्राप्त उलेमा मौजूद थे। बैठक में जमीयत उलमा-ए-हिंद (एम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने मौलाना अरशद मदनी का नाम का प्रस्ताव अमीर उल-हिंद के पद के रखा, जिसे बैठक में मौजूद तमाम उलमाओं ने स्वीकारते हुए मौलाना अरशद मदनी को अमीर उल-हिंद के पद के लिये सर्वसम्मति से चुन लिया।
पांचवे अमीर उल हिंद हैं मौलाना अरशद मदनी
जानकारी के लिये बता दें कि कि इमारत शरिया ए हिंद का गठन 1986 में हुआ था और सबसे पहले अमीर-उल-हिंद मौलाना हबीबुर्रहमान आज़मी बने थे। उनके बाद 1992 में पूर्व सांसद और जमीयत उलमा-ए-हिंद के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद असद मदनी को अमीर उल हिंद चुना गया था। 2006 में दारुल उलूम देवबंद के पूर्व मोहतमिम मौलाना मरगूब उर रहमान अमीर उल हिंद रहे, उनके बाद 2011 से 21 मई 2021 तक जमीअत उलमा-ए-हिंद (एम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद कारगुजार मोहत्ममी मौलाना कारी उस्मान मंसूरपुरी इस पद पर रहे हैं।
क़ारी उस्मान मंसूरपुरी का 21 मई को बीमारी के चलते निधन हो गया था। तब से यह पद खाली था। आज दिल्ली स्थित जमीयत उलमा-ए-हिंद के मुख्यालय पर आयोजित इमारत-ए- शरिया हिंद की बैठक में मौलाना अरशद मदनी को अमीर उल हिंद चुना गया है। मौलाना अरशद मदनी पांचवे अमीर उल हिंद हैं। नायब अमीर उल हिंद के पद पर क़ारी सैय्यद उस्मान मंसूरपुरी के बड़े बेटे मौलाना सैयद सलमान मंसूरपुरी का चयन किया गया है।
इस बैठक में मुख्य रूप से जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी, जमीयत उलमा-ए-हिंद (महमूद मदनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी और दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अब्दुल कासिम नोमानी समेत कई ख्यातिप्राप्त मौलाना शामिल रहे।