नई दिल्लीः देश में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद चल रहा है और भारत में मुसलमानों के प्रमुख संगठनों द्वारा मस्जिद में सर्वे का विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में पिछले दिनों जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने देवबंद में कहा था कि मुसलमान जुल्म सह लेंगे, लेकिन देश पर आंच नहीं आने देंगे। जमीअत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय सम्मेलन में मौलाना महमूद मदनी ने कहा था वो और उनका संगठन ज्ञानवापी विवाद पर कुछ नहीं बोलेगा, क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
जमीअत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी ने एक इंटरव्यू के दौरान मुसलमानों के साथ नाइंसाफी का आरोप लगाया। मौलाना मदनी ने एबीपी न्यूज़ नामी एक न्यूज़ चैनल पर आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में यह आरोप लगाया है। आरोप पर पत्रकार ने पूछा कि कहां नाइंसाफी हुई है? इसके जवाब में मौलाना महमूद मदनी ने कहा, “मैं बात कर रहा हूं इंडिया और इंसाफ की। हर जगह हमारे (मुसलमानों) साथ नाइंसाफी हो रही है। हर जगह हो रही है, कौन सी जगह बची हुई है जो बताऊँ आपको? आप कहेंगे ये तो बस वही रोना रोते रहते हैं।”
पत्रकार ने आगे पूछा कि क्या आपका समाज मथुरा, काशी के बारे में सोचेगा और हिन्दुओं को इसे दिया जा सकता है? इसके जवाब में मौलाना महमूद मदनी ने तंज कसते हुए कहा, “सिर्फ वही क्यों, 30 हजार की लिस्ट है ना? तो पूरे 30 हजार की बात करिए। अगर मुसलमानों को अपना दिल बड़ा करना है तो पूरे 30 हजार की बात करे।”
मौलाना महमूद मदनी ने आगे कहा, “सिर्फ मुसलमानों को गाली दी जाए कोई बात नहीं, लेकिन मुसलामानों के नबी को गाली दी जा रही है। गाली देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।” जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने इस इंटरव्यू के दौरान कई मुद्दों पर अपनी राय रखी है। यह इंटरव्यू शनिवार रात 8 बजे प्रसारित होगा।
जानकारी के लिये बता दें कि कुछ दिन पहले मौलाना महमूद मदनी ने देवबंद में जमीअत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा था कि ये हमारा देश है और जिसे, हमारा धर्म का पालन करना पसंद नहीं है, वो इस महान देश से चला जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने यह फैसला किया है कि ज्ञानवापी मुद्दे को सड़क पर नहीं लाया जायेगा और किसी भी डिबेट में इसके बारे में बात नहीं की जाएगी।