नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश एटीएस ने ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है. मुजफ्फरनगर के फुलत के रहने वाले मौलाना कलीम सिद्दीकी जमीयत-ए- वलीउल्लाह के अध्यक्ष हैं। यूपी एटीएस उन्हें बीती रात मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र से पूछताक्ष के लिए अपने साथ ले गई थी, मौलाना क़लीद सिद्दीक़ी यहां एक कार्यक्रम में शिरकत आने आए थे।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि अवैध धर्मान्तरण का देशव्यापी सिंडिकेट चलाने वाले के आरोप में ATS ने किया गिरफ्तार है। उनके ख़िलाफ 20 जून को अवैध धर्मान्तरण के मामले मुकदमा लिखा गया था। मौलाना कलीम सिद्दीक़ी पर धारा 420/120 बी 153A153B295/511 में दर्ज हुआ था। उत्तर प्रदेश विधि विरुध्द संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2020 बनाम मुफ़्ती काजी उमर गौतम इस्लामिक दावा सेंटर संस्था के विरुद्ध भी थाना ATS लखनऊ में दर्ज हुआ था।
एटीएस के मुताबिक़ मौलाना कलीम पिछले कई वर्षों से धर्मान्तरण करा रहा थे. उन पर आरोप है कि वे शैक्षिणिक सामाजिक धार्मिक संस्थाओं की आड़ में धर्मान्तरण करा रहे थे। जानकारी के लिये बता दें कि मौलाना क़लीम सिद्दीकी मुजफ्फरनगर में जामिया वलीउल्लाह नामक ट्रस्ट संचालित करते हैं। एटीएस का आरोप है कि मौलाना कलीम सामाजिक सौहार्द के कार्यक्रम की आड़ में भिन्न भिन्न प्रकार का लालच देकर अवैध धर्मान्तरण कराते थे। उनके ख़िलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद महाराष्ट्र गुजरात से सलाउद्दीन जउनुद्दीन शेख रामेश्वर कावड़े कौशर आलम भुप्रिय बन्दों की प्रमुख गिरफ्तारी हुई थी।
एटीएस का आरोप है कि उमर गौतम को ब्रिटेन आधारित संस्था अल फला ट्रस्ट से लगभग 57 करोड़ की फंडिंग की गई है। बताते चलें कि बीती रात जनपद मेरठ से मौलाना कलीम को गिरफ्तार किया गया था, गिरफ्तारी के लिए 6 टीमें लगाई गई थी आज उसे न्यायालय में पेश किया गया। उन्होंने मेरठ कॉलेज से एमएससी की थी आगे की शिक्षा दारुल उलूम नदवा कॉलेज लखनऊ से पढ़ाई की। बता दें कि अभी तक धर्मांतरण कराने के आरोप में 11 लोगो की गिरफ्तारी की गई है।
एटीएस का आरोप है कि मौलाना कलीम के ट्रस्ट को भारी मात्रा में फंडिंग की गई है, अभी तक जांच में बहरीन से एक मुश्त 1.5 करोड़ भेजे गए है वहीं तीन करोड़ की कुल फंडिंग के साक्ष्य मिले है। उमर गौतम के पास से मिले दस्तावेज मिले थे उससे कलीम उमर का निकट संबंधी है।