राजस्थान: मौलाना हसन कासमी को मदरसा बोर्ड अध्यक्ष बनाने से होगा कांग्रेस को लाभ!

हफ़ीज़ पठान

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राजस्थान राज्य में हाल के दिनों में अल्पसंख्यक समुदाय में राज्य की कांग्रेस सरकार को लेकर नाराजगी का माहोल बना हुआ है राज्य सरकार के मंत्री परिषद में मुस्लिम समुदाय को पर्याप्त संख्या में भागीदारी नहीं मिलीं है राज्य सरकार को लेकर बनी नाराजगी मुस्लिम समुदाय में स्थायी हो ऐसा भी नहीं है यदि राज्य सरकार मुस्लिम समुदाय के जनाधार वाले लोगों को सत्ता से जोड़ती है तो सरकार को और समाज को दोहरा लाभ मिलेगा।

ऐसे ही मुस्लिम समुदाय में प्रतिष्ठित ख्याति प्राप्त जमीयत उलेमा-ए-हिंद (अरशद मदनी) के संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना हसन मोहम्मद कासमी को राज्य के मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जाता है तो राज्य सरकार की छवि में और निखार आएगा। मौलाना कासमी सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ तहसील के खीरवा गांव में शानदार मदरसा चलाते हैं। मौलाना कासमी अपने जीवन का अधिकांश भाग मुस्लिम समुदाय के बच्चों को शिक्षित सुयोग्य बनाने में लगाते हुए समाज को सशक्त बनाने में लगे हैं। यहां गौरतलब होगा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद (अरशद मदनी) का राज्य में व्यापक जनाधार है मुस्लिम समुदाय में मौलाना कासमी की अपनी पैंठ है जिसका लाभ कासमी को राज्य सरकार मदरसा बोर्ड अध्यक्ष बनाती हैं, तो मिलना तय है राज्य की कांग्रेस सरकार मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को समझने में अब तक तो विफल रही है।

राज्य सरकार के मुखिया अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस के नेता यह क्यों नहीं जानते कि कांग्रेस को मुस्लिम समुदाय विकल्प नहीं होने के कारण वोट देता है जिस किसी राज्य में धर्म निरपेक्ष राजनीतिक दल है वंहा का मुस्लिम समुदाय कांग्रेस को कभी वोट नहीं देता है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपनी बद तर हो ती छवि को सुधारने का काम करने के लिए जनाधार वाले लोगों को आगे बढ़ाएं अभी हाल ही में राज्य सरकार की नीतियों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अमीन खान ने राज्य की विधानसभा में तीखा हमला किया था विधायक अमीन खान ने राज्य के काबीना मंत्री सालेह मोहम्मद को कब्रों का मंत्री तक बोल कर उपहास उड़ाया था।

राज्य की कांग्रेस सरकार की तुलना जब भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार से की जाती है तों तुलनात्मक रूप से वसुंधरा राजे सरकार ज्यादा अच्छा मुस्लिम समुदाय हितेषी मानी जाती है राज्य का मुस्लिम समुदाय नाइंटी नाइन प्रतिशत कांग्रेस को एक मुश्त वोट देता है और दूसरा कोई भी वोट बैंक कांग्रेस के पास नहीं है मौलाना कासमी के पास लोगों को जोड़ने उन्हें अपना बनाने की अद्भुत क्षमता है साफ सुथरी छवि के कासमी का सम्मान समाज में सभी लोग करते हैं जमीन से जुड़े हुए कासमी को पता मदरसा शिक्षा में क्या परेशानियां हैं और उन्हें का इलाज क्या है.

आमजन में फैली जन चर्चाओं से शायद राज्य सरकार अनभिज्ञ हैं कांग्रेस का राज्य सरकार का नेतृत्व हमेशा जमीनी सच्चाई से जान बूझकर आंख बंद करके रहता है यहीं कारण है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार अपने ही कर्मों से अगला चुनाव हार जाती है अपने वोट बैंक को सहेज कर रखना किसकी जिम्मेदारी है यह भी बताना चाहिए? अपने राजनीतिक लाभ हानी के लिए अपने जनाधार को बचाने के लिए मौलाना कासमी पर लगाया दांव हर लिहाज से लाभदायक है ऐसा मुस्लिम समुदाय के बहुसंख्यक लोगों का मानना है वेसै भी राजनीति संख्या बल का खेल है ज्यादा संख्या वाला सरकार में और कम संख्या वाला सड़क पर विपक्षी दल बना अपनी बारी का इंतजार करता है.