नई दिल्ली/लखनऊः जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बीते रोज़ देहरादून स्थित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाक़ात की थी। मौलाना अरशद मदनी की हरीश रावत से की गई मुलाक़ात अब विवादों में आ गई है। उनके ख़िलाफ पीस पार्टी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। पीस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव खुर्शीद आलम अहारवी ने मौलाना अरशद मदनी पर आरोप लगाया है कि वे असम में कांग्रेस और एआईयूडीएफ के बीच होने जा रहे गठबंधन को रोकने की गरज़ से कांग्रेस के नेताओं से मिले हैं।
पीस पार्टी के नेता ने कहा कि असम में जब जमीयत उलमा-ए-हिंद के वरिष्ठ पदाधिकारी मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने ऑल इंडिया असम यूनाईटिड डेमोक्रेटिड फ्रंट (AIUDF) नाम से राजनीतिक दल का गठन किया था तो मौलाना अरशद मदनी ने उनका विरोध किया था। अब जब असम में एआईयूडीएफ और कांग्रेस के बीच गठबंधन के कयास लगाए जा रहे हैं इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जो असम के प्रभारी भी रहे हैं, उनसे मिलकर इस गठबंधन को तोड़ने की साजिश रची जा रही हैं।
बीते रोज़ शनिवार को मौलाना अरशद ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाक़ात की थी। इस मुलाक़ात की जानकारी खुद हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया पेज पर दी थी। उन्होंने लिखा था कि आज मुझे , देहरादून स्थित आवास पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी जी से मुलाकात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ एवं असम का प्रसिद्ध गमछा उड़ाकर उनका स्वागत किया।
अब पीस पार्टी असम के उसी गमछे पर सवाल उठा रही है, जिसे पहनकार हरीश रावत ने मौलाना मदनी का स्वागत किया था। पीस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव खुर्शीद आलम ने उन्हें सरकारी मौलाना कहते हुए आरोप लगाया है कि मौलाना अरशद मदनी नहीं चाहते कि कोई मदनी परिवार नहीं चाहता कि कोई दूसरा नेतृत्व भी सामने आए। इसीलिये पहले उन्होंने मौलाना बदरुद्दीन अजमल की राजनीतिक पार्टी का विरोध किया था जब उसमें सफल नहीं हो पाए तो अब भविष्य में होने वाले एआईयूडीएफ एंव कांग्रेस के गठबंधन की राह में मुश्किलें पैदा करना चाहते हैं।
खुर्शीद आलम अहारवी ने कहा कि मदनी परिवार ने कभी मुस्लिम नेतृत्व को उभरने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इसी परिवार ने हमारी पार्टी और हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब के खिलाफ भी मोर्चा खोला हुआ था। खुर्शीद ने कहा कि जब यूपी में सपा की सरकार थी, और हमारी पार्टी के चार विधायक थे तब मौलाना अरशद मदनी ने सपा नेताओं के साथ मंच तक साझा किया था। उन्होंने कहा कि मौलाना अरशद मदनी इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी मिल चुके हैं, और अब कांग्रेस के चोटी के नेताओं से मुलाक़ात कर रहे हैं। खुर्शीद आलम ने आरोप लगाया कि इन मौलानाओं की बदौलत ही आज तक यूपी में मज़बूत मुस्लिम नेतृत्व खड़ा नहीं हो पाया।