मौलाना अरशद मदनी ने पहना असम का गमछा तो पीस पार्टी ने लगाया AIUDF और कांग्रेस गठबंधन में बाधा बनने का आरोप

नई दिल्ली/लखनऊः जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने 12 सितंबर को देहरादून में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाक़ात की थी। मौलाना अरशद मदनी की हरीश रावत से की गई मुलाक़ात पीस पार्टी लगातार सवाल उठा रही है। पीस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव खुर्शीद आलम अहारवी ने मौलाना अरशद मदनी पर आरोप लगाया है कि वे असम में कांग्रेस और एआईयूडीएफ के बीच होने जा रहे गठबंधन को रोकने की गरज़ से कांग्रेस के नेताओं से मिले हैं।

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खुर्शीद आलाम ने अब कहा है कि असम के प्रभारी रहे हरीश रावत ने मौलाना अरशद मदनी को असम का गमछा पहनाकर स्वागत किया है। अब वे कांग्रेस पार्टी की ओर से पंजाब के प्रभारी बनाए गए हैं ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हरीश रावत अब मौलाना अरशद मदनी को पगड़ी पहनाकर स्वागत करेंगे? खुर्शीद आलम ने कहा कि एक वक्त मौलाना अरशद मदनी द्वारा मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी की आलोचना की जाती रही है, लेकिन जब उन्हीं बदरुद्दीन अजमल की पार्टी का कांग्रेस से गठबंधन होने के कयास लगाए जा रहे हैं तो मौलाना अरशद मदनी ने कांग्रेस के नेताओं से मुलाक़ातों का सिलसिला शुरु कर दिया है।

पीस पार्टी ने सवाल उठाया कि मौलाना अरशद मदनी की यह मुलाक़ात पूरी तरह से सियासी है। वरना कांग्रेस नेता द्वारा उन्हें असम का गमछा पहनाकर स्वागत न किया जाता। उन्होंने कहा कि मौलाना अरशद को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने किस उद्देश्य के तहत हरीश रावत से मुलाक़ात की थी। आखिर वे कांग्रेस के उसी नेता से क्यों मिले जिनके ऊपर असम का प्रभार रहा है, उन्हें असम का गमछा पहनाकर ही स्वागत क्यों किया गया? खुर्शीद आलम ने कहा कि ये सारे सवाल इशारा कर रहे हैं, कि जमीतय उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बीच कुछ न सियासी खिचड़ी पक रही है।

खुर्शीद आलम अहारवी ने सवाल किया कि मौलाना अरशद मदनी स्पष्ट करें कि वे कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन के पक्ष में हैं अथवा नहीं हैं? कल जिन बदरुद्दीन अजमल को हिंदू मुस्लिम सद्धभाव के लिये खतरा बताकर जमीयत से निकाला था, अगर उनकी पार्टी कांग्रेस से गठबंधन कर लेती है तो वह खतरना टल जाएगा? अगर मुस्लिम नेतृत्व मज़बूत होता है कांग्रेस से गठबंधन करता है तो उसे रोकने से किसको लाभ होगा? क्या उसे रोकने से भाजपा को लाभ नहीं होगा? अगर कांग्रेस और एआईयूडीएफ का गठबंधन नहीं हुआ तो उसकी वजह से वोट बंटेगा उससे भाजपा को लाभ नहीं होगा? पीस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव खुर्शीद आलम अहारवी ने आरोप लगाया कि अगर यूडीएफ और कांग्रेस का गठबंधन नहीं होता है तो इसे मौलाना अरशद मदनी की साजिश माना जाएगा, जो उन्होंने आरएसएस के इशारे पर रची है।