मुंबई में दिहाड़ी मजदूर हैं मोहम्मद नसीम, बेटे मासूम रज़ा ने बिहार टॉपर्स में पाया छठा स्थान

पटनाः बिहार बोर्ड ने मैट्रिक यानी कक्षा 10वीं का रिजल्ट गुरुवार को जारी कर दिया। राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रिजल्ट की घोषणा की। जिसमें टॉप पांच में एक भी मुसलमान छात्र ने जगह हासिल नहीं की है, वहीं टॉप 10 में तीन मुस्लिम छात्र कामयाब रहे।

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आवाज द वॉइस की एक रिपोर्ट मुताबिक़ इनमें शिवहर जिले के सुगिया कटसरी गांव के वार्ड 7 के रहने वाले छात्र मोहम्मद मासूम रजा भी हैं, जिन्होंने राज्य भर में छठा मुकाम हासिल किया है। मुंगेर के मोहम्मद हारिस एजाज ने सातवां और गोपालगंज जिले के मोहम्मद सैफ अली ने 10वां स्थान हासिल किया है।रजा एक मजदूर के बेटे हैं और चाहते हैं कि बड़े होकर साफ्टवेयर इंजीनियर बनें।

उर्दू में हासिल किया 95 नंबर

 शिवहर के मोहम्मद मासूम रजा ने 500 में 482 नंबर हासिल किया है। इस दौर में भी उनके घर में एंड्राइड मोबाइल (Android Mobile) नहीं है। जिससे  वीडियो कॉल पर इस संवाददाता से बात कर अपनी कामयाबी व्यक्त कर सके। उन्होंने सभी विषय मे 90 फीसद से ज्याद नंबर हासिल किया है। साइंस में 100, गणित में 99, सोशल साइंस में 95, उर्दू मे 95 और हिन्दी में 93 नंबर के साथ माता पिता और जिले का नाम रौशन किया है।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की चाहत

एक सामान्य परिवार से आने वाले मोहम्मद मासूम रजा ने बताया कि मैं अपने आप को बहुत गौरवांतित्र महसूस कर रहा हूं। बहुत खुश हूं। मैं अपने लक्ष्य को पाने के लिए देर रात तक मेहनत करता था। रात में जाग कर घंटे पढ़ाई की है। मैं आगे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता हूं ,क्योंकि मुझे इस मैदान में जाने का सपना सालों से है।

उन्होंने उत्क्रमित उच्च विद्यालय सुगिया से पढ़ाई की है और ट्यूशन गांव के एक कोचिंग में लिया है। वह आगे कहते हैं कि शिक्षा ही वह ताकत है जिससे आपको हर जगह मान सम्मान मिलता है। जैसे आज मुझे मिल रहा है। समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है। मैं हर रोज स्कूल से आने के बाद ट्यूशन जाता था, ताकि परीक्षा की तैयारी ठीक से कर सकें।

मासूम के शिक्षक सुमित मिश्रा

उनके पिता मोहम्मद नसीम जो मुंबई में रहकर मजदूरी करते हैं, और माता घर पर रहती है। मासूम के पिता ने कहा कि मैं खुशी को बयां नहीं कर सकता। मैंने पढ़ाई नहीं की है, लेकिन मेरा सपना है कि मैं अपने बच्चों को जहां तक हो सके पढ़ाऊ। मैं उच्च शिक्षा दिलाने में कोई कसर नहीं छोडूंगा। बस वह आगे बढ़ता रहे जहां जाना चाहे शिक्षा के लिए जाए…. और क्या कहूं बहुत खुशी है।

बचपन से मासूम को पढ़ाने वाले शिक्षक सुमित कुमार मिश्रा ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि वह बहुत मेधावी है। उसके पिता सामान्य लोग हैं।उन्होंने आगे बताया कि मैं स्वयं एक शिक्षक हूं। मैं हमेशा बच्चों के मार्गदर्शन के लिए काम करता हूं। आज बहुत खुश हैं कि हमारे संस्थान का एक छात्र राज्य में 6वां मुकाम हासिल किया है। इससे हमारा और पूरे शिवहर का सिर ऊंचा हुआ है।

 बोर्ड में राज्य के छात्र

राज्य में इस बार कुल 12 लाख 86 हजार 971 विद्यार्थी उतीर्ण हुए हैं। इनमें छात्रों की संख्या 6,78,110 है, जबकि छात्राओं की संख्या 6,08,861।