नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले पीस पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पैंठ बनानी शुरु कर दी है। पीस पार्टी के कई चोटी के नेता लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम कर रहे हैं, संगठन खड़ा कर रहे हैं। और महीने उसकी समीक्षा भी कर रहे हैं। अब पीस पार्टी ने गुर्जर समाज में सेंधमारी की है। पीस पार्टी के यूपी प्रभारी मोहम्मद इरफान की मौजूदगी एंव संजय गुर्जर की नेतृत्व में गुर्जर समाज के कई नेताओं ने पीस पार्टी की सदस्यता ली है। पीस पार्टी में शामिल हुए लोगों में देवेन्द्र गुर्जर, अतुल गुर्जर, अंकित गुर्जर, अभिषेक गुर्जर के नाम शामिल हैं।
20 सितंबर नोएडा में पीस पार्टी के प्रदेश प्रभारी मोहम्मद इरफान ने बताया कि सत्ता के अहंकार में चूर यूपी की मौजूदा सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीस पार्टी हर समाज को भागीदारी देने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसीलिये तमाम समुदाय एंव वर्ग के लोग पीस पार्टी का दामन थामकर अहंकारी सरकार के खिलाफ संवैधानिक संघर्ष का प्रण ले रहे हैं।
जानकारी के लिये बता दें कि 2008 में गठित पीस पार्टी ने 2012 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में चार सीटें जीतीं थीं। और कई सीटों पर पीस पार्टी के उम्मीदवार दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे थे। लेकिन कुछ समय बाद पीस पार्टी के तीन विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। 2012 के चुनाव के वक्त माना जा रहा था कि यूपी में सरकार बनवाने में पीस पार्टी बड़ी भूमिक निभाएगी, लेकिन सपा को मिले बहुमत ने राजनीतिक पंडितों द्वारा लगाये अनुमान पर पूर्ण विराम लगा दिया।
पीस पार्टी 2017 में खाता भी नहीं खोल पाई, लेकिन इसके बावजूद पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी का संगठन बनाने पर काम कर रहे थे, और जनता के मुद्दों को लेकर मुखर हो रहे थे। लेकिन अब वे 31 जुलई से लखनऊ की जेल में बंद हैं। उन पर यूपी सरकार द्वारा रासुका लगाई गई है। डॉक्टर अय्यूब पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर से एक संविधान विरोधी विज्ञापन एक उर्दू अख़बार में प्रकाशित कराया था, जिसके बाद लखनऊ के एक कथित समाजिक कार्यकर्ता ने हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद डॉक्टर अय्यूब को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।
माना जा रहा था कि पार्टी के अध्यक्ष के जेल जाने के बाद पीस पार्टी संगठन निर्माण पर काम नहीं कर पाएगी, लेकिन पीस पार्टी के कार्यकर्ताओं के हौसले पस्त नहीं हुए हैं। वे लगातार यूपी सरकार की आलोचना कर रहे हैं, और जनता के मुद्दे उठा रहे हैं। अब बुलंदशहर सीट पर होने वाले उप चुनाव पर पार्टी की परीक्षा होनी है।