नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने शुरु हो गए हैं। 70 विधानसभा सीट वाली दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिये 36 सीटें चाहिए लेकिन आम आदमी पार्टी एक बार फिर प्रचंड बहुमत की तरफ बढ़ रही है। वहीं केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा काफी पीछे रह गई है, तो 15 साल तक लगातार दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पा रही है। साल 2015 में भी कांग्रेस ज़ीरो पर सिमट कर रह गई थी, और भाजपा को सिर्फ तीन सीटें ही मिल पाईं थीं।
रुझानों के बाद भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का ईवीए पर भरोसा बरकार है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि अभी जो ईवीएम खुलेंगी वो बहुत जरूरी है, ऐसे में निराश होने न हों. मनोज ने कहा, ‘अभी जो ईवीएम खुलेंगी वो बहुत जरूरी हैं. पहले पांच चरण में तो एग्जिट पोल में सिर्फ दो सीटें दे रहे थे. नतीजे एग्जिट पोल से बहुत अच्छे हैं। हम बिल्कुल निराश नहीं है। सभी कार्यकर्ताओं से कहूंगा कि निराश न हो। 27 सीटों पर 700 से 1000 का अंतर है। ये समय नफ़रत और अहंकार दिखाने का नहीं है। मैं प्रदेश का अध्यक्ष हूं मेरी वाणी में नतीजों से पहले हतोत्साहित नहीं लगना चाहिए।’
बता दें कि आठ फरवरी को भी मतदान के बाद टीवी चैनल्स पर दिखाए जाने वाले एग्जिट पोल को मनोज तिवारी ने नकार दिया था। उन्होंने कहा था ये सभी एग्ज़िट पोल होंगे फेल, मेरी ये ट्वीट सम्भाल के रखियेगा. भाजपा दिल्ली में 48 सीट ले कर सरकार बनायेगी. कृपया EVM को दोष देने का अभी से बहाना ना ढूँढे.
ये सभी एग्ज़िट पोल होंगे fail..
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) February 8, 2020
मेरी ये ट्वीट सम्भाल के रखियेगा..
भाजपा दिल्ली में ४८ सीट ले कर सरकार बनायेगी .. कृपया EVM को दोष देने का अभी से बहाना ना ढूँढे..?
बता दें कि दिल्ली चुनाव में केजरीवाल ने जहां अपने काम पर वोट मांगा था, वहीं भाजपा की तरफ से पूरी तरह यह प्रयास रहा कि किसी तरह ध्रुवीकरण किया जाए, भाजपा नेताओं की तरफ से एक के बाद एक विवादित बयान आए, खुद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शाहीन बाग़ आंदोलन के नाम पर वोट मांगते नज़र आए। वहीं योगी आदित्यनाथ ने भी कई बार विवादित बयान दिए।