उग्रवादी संगठन कुकी नेशनल संगठन के लिए दो किस्तों में करोड़ों रुपए का फंड जारी किया है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार की ओर से एक फरवरी को 15.7 करोड़ रुपए और एक मार्च को 92.65 लाख रुपए इन आतंकी संगठनों को दिए गए हैं। यह धन केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने सस्पेंशन ऑफ ऑपेरशन अर्थात आतंकी गतिविधियों को विराम देने के मद में जारी किया गया था। आरोप है कि धन को चुनाव घोषणा के बाद आतंकी संगठन को दिया गया जो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। आज मणिपुर में दूसरे चरण के मतदान में अधिकांश इलाके कुकी संगठन के आतंकी प्रभाव के हैं।
प्रतिबंधित संगठन कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (KLO) ने एक फरमान जारी किया है और सभी जनजातीय मतदाताओं को आदेश दिया है कि वह बीजेपी के लिए वोट करें। यही नहीं, KLO ने साथ में यह भी कहा है कि जो उनके इस आदेश का पालन नहीं करेगा तो यह माना जाएगा कि वह जनजातीय लोगों के खिलाफ है. मणिपुर से अलग पृथक राज्य की मांग के समर्थन में KLO पिछले लगभग 33 वर्षों से संघर्षशील है. जब उनकी मांग नहीं मानी गयी तो संस्था ने बन्दूक उठा लिया और अपनी सेना का गठन किया जो बन्दूक के दम पर अलग राज्य लेने की चेष्टा करते रहे हैं. संस्था का मुख्यालय पड़ोसी देश म्यांमार में है.
एक बात और इस संगठन को चुनाव में इस्तेमाल करने की भूमिका सितंबर में ही दिल्ली में लिखी गई थी। तब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मणिपुर के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन कुकी नेशनल फ्रंट के स्वयंभू व कमांडर इन चीफ मंगखोलम किपजेन उर्फ डेविड किपजेन को दिल्ली के द्वारका से गिरफ्तार किया था। कहा गया कि मणिपुर पुलिस की सूचना पर उसे 20 सितंबर को दबोच लिया गया। इसके खिलाफ मणिपुर के विभिन्न थानों में पुलिसकर्मियों से हथियार छीनने, लूटपाट, फिरौती के लिए अपहरण, फायरिंग, रंगदारी, डकैती आदि के 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। असल में वह तो सालों से दिल्ली में जाहिरा रहता था। चुनाव में सरे आम आतंकी औऱ पृथकता वादी संगठनों के इस्तेमाल की यदि यह घटना सच है तो देश का लोकतंत्र शर्मिंदा है।
(लेखक पत्रकार एंव स्तंभकार हैं)