नई दिल्लीः पिछले महीने फ़लस्तीन और इसराइल के बीच हुए हिंसक संघर्ष में फ़लस्तीन का काफ़ी नुक़सान हुआ था। इसकी भरपाई के लिये और फ़लस्तीनियों के ज़ख्मों पर मरहम के लिये दूसरे देशों की मदद पहुंचना शुरु हो गई है। इसी क्रम में मलेशियाई सहायता एजेंसी ने मिस्र की सीमा पर राफा क्रॉसिंग के माध्यम से गाजा पट्टी में प्रवेश किया है, और यहां पर लोगों की सहायता करना शुरु कर दिया है।
जानकारी के लिये बता दें कि पिछले महीने इजरायली सैन्य हमले के दौरान इस इलाक़े में काफी नुक़सान हुआ था। मिडिल ईस्ट मॉनिटर की ख़बर के मुताबिक़ Viva Palestina Malaysia (VPM) ने आज सीमा पार की है और पिछले महीने इसराइली हमले का शिकार हुए लोगों की मदद करना शुरु कर दिया है। बता दें कि इस्राइली हमले में 66 बच्चों सहित 250 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए थे।
ढ़ाई लाख डॉलर की मदद
एजेंसी के अनुसार, गाजा के लिये लगभग 250,000 डॉलर की सहायता ली गई है। यह पैसा पिछले महीने चैरिटी द्वारा फैशन लेबल डक ग्रुप के सहयोग से जुटाया गया था। हालांकि कुवैत और ट्यूनीशिया जैसे देशों ने पहले ही गाजा को सहायता भेजी है, वीपीएम पहला प्रतिनिधिमंडल है जिसे इस क्षेत्र में अपने सहायता मिशन का संचालन करने की अनुमति दी गई है।
बता दें कि मलेशिया में फिलिस्तीनियों के समर्थन में आवाज़ें बुलंद होती रहीं हैं, और सार्वजनिक रूप से इजरायल का विरोध होता रहा है। मलेशिया, इसराइल को अभी भी मान्यता देने से इनकार करता रहा है। इसी महीने, सिंगापुर में इजरायल के राजदूत ने मलेशिया और अन्य मुस्लिम-बहुल दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे इंडोनेशिया और ब्रुनेई के साथ संबंध स्थापित करने के लिए तेल अवीव की तत्परता व्यक्त की थी।
यह प्रस्ताव छह महीने बाद उस वक्त आया जब एक इजरायली मंत्री ने खुलासा किया कि एशिया में एक अज्ञात मुस्लिम बहुल देश जल्द ही इजरायल को मान्यता दे सकता है और उसके साथ संबंध स्थापित कर सकता है। तब माना गया थआ कि मलेशिया उसी संभावित देशों में से एक है।