जमीअत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश के जिन्ना वाले बयान से किनारा करते हुए कहा कि मुसलमान ने जिन्ना के आईडिया को रिजेक्ट किया और इंडिया को चुना है। हम लोग बाइचांस नहीं बाई चॉइस इंडियन हैं। हमने इंडिया को चुना है। मौलाना मदनी ने कहा कि जिन्ना इंडिया के मुसलमानों का जनाजा पढ़कर गए थे। एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मौलाना महमूद मदनी ने देश में मुसलामानों की स्थिति, सरकार के रवैये और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के जिन्ना वाले बयान पर बातचीत की।
मुसलमान ने जिन्ना के आईडिया को रिजेक्ट कर इंडिया को चुना
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने दो टूक कहा कि भारत को मुसलमानों ने अपनी पंसद से चुना है। मदनी ने अखिलेश यादव के जिन्ना वाले बयान से किनारा करते हुए कहा कि, जिन्ना की तुलना सरदार पटेल से करना गलत है। मैं अखिलेश यादव के बयान से असहमत हूं। मुसलमानों ने जिन्ना के आईडिया को रिजेक्ट किया और इंडिया को चुना है। हम लो बाइचांस नहीं बाई चॉइस इंडियन हैं। हमने इंडिया को चुना है। जिन्ना इंडिया के मुसलमानों का जनाजा पढ़कर गए थे। उन्होंने कहा कि मुसलमान आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के पीछे खड़े थे।
जिन्ना को कभी माफ नहीं किया जा सकता है
जिन्ना की कोशिशों का अंजाम उन्हें कभी भी बड़े नेताओं की श्रेणी में नहीं खड़ा कर सकता है। उन्होंने कहा कि जिन्ना के एक्शन का असर भारत, पाकिस्तान ही नहीं पूरी दुनिया पर उसका असर पड़ा है। जिन्ना के हाथ से जो जुर्म हुआ है, अगर उसे उनकी सभी अच्छाईयों को मान लिया जाए तो भी उन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता है।
वहीं मुसलमानों की स्थिति को लेकर महमूद मदनी ने सरकार पर कई हमले किए। मदनी ने कहा कि, मदररसों की जिम्मेदारी सरकार समाज पर छोड़े। मुसलमानों को ये लगना चाहिए कि मेरी भी सरकार है। सरकार जोड़ने की कोशिश नहीं करती है। वहीं उन्होंने कहा कि मज़हब को मुल्क के साथ नहीं जोड़ना चाहिए।