कांग्रेस नेता ललन कुमार का केन्द्र सरकार पर तीखा हमला, ‘जनता की रसोई लूटने में भी कसर नहीं छोड़ रहे मोदी’

लखनऊ: हाल ही में बढ़े डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस के दामों पर उत्तर प्रदेश काँग्रेस कमेटी के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। देश इस समय भारी संकट से गुज़र रहा है। चीनियों का भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा, 3 महीनों से चल रहा किसान आन्दोलन, बढती महँगाई एवं बेरोज़गारी इत्यादि समस्याओं से घिरे भारत में पुनः प्राणवायु फूंकने कि कुव्वत नरेंद्र मोदी सरकार में नहीं है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जी के शासन में कोरोना के पहले से ही देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी थी। कोरोना की दस्तक के बाद हुए लॉकडाउन ने आम आदमी की ज़िन्दगी में उथल-पुथल मचा कर रख दी। कईयों की नौकरियाँ चली गयीं और धंधे चौपट हो गए। राशन पानी की समस्या से जूझ रहे भारत में लाखों परिवारों को सरकार द्वारा राहत दी जानी चाहिए थी। मगर सरकार ने उन्हें कोई राहत नहीं दी।

ललन ने कहा कि राहत देना तो ठीक सरकार अब समय-समय पर आम लोगों पर वज्रपात कर रही है। पेट्रोल डीज़ल और रसोई गैस के लगातार बढ़ रहे दाम सभी को चिंता में डाल रहे । देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रूपए को छू गयी। डीज़ल का भी यही हाल है। पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ना निश्चित रूप से महँगाई बढ़ने का संकेत है। ईंधन के दाम बढ़ने से फल सब्जियाँ एवं रोज़मर्रा की ज़रूरी चीजें महँगी होती जा रही हैं।

कांग्रेस मीडिया संयोजक ने कहा कि सिर्फ पेट्रोल डीज़ल ही नहीं बल्कि रसोई गैस के दाम बढ़ाकर नरेंद्र मोदी जी ने अब रसोई लूटने की व्यवस्था कर ली है। पिछले 10 दिनों के भीतर ही गैस के दाम 75 रूपए तक बढाए गए हैं। 4 फ़रवरी को गैस का दाम 25 रूपए बढाए गए थे और बीते रात दामों में 50 रूपए की बढ़ोत्तरी की गयी। इसके पहले ही बीते साल दिसंबर में अलग-अलग पखवाड़े में गैस के दामों में  दो बार 50-50 रूपए की वृद्धि की गयी। अर्थात 2 महीनों के भीतर ही गैस के दामों में 175 रूपए की वृद्धि की गयी।

उन्होंने कहा कि इन बढ़ते दामों के साथ जनता को घर की रसोई चलाने में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। डॉ. मनमोहन सिंह जी की सरकार में बढे दामों पर भाजपा के मंत्रियों ने खूब तांडव किया था। मगर अभी बेवजह के बढ़ रहे दामों को लेकर भाजपा खामोश है। और ये खामोश ही रहेंगे।