श्रीनगर: कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम ने घाटी में हत्याओं पर अपना दर्द व्यक्त करते हुए कहा है कि वे तीन दशकों से कश्मीरी पंडितों की वापसी की मांग कर रहे थे और जम्मू और कश्मीर के मुख्य अल्पसंख्यक समुदाय को ‘नहीं जाना चाहिए और शांति और सम्मान के साथ हमारे साथ रहना चाहिए’।
ग्रैंड मुफ्ती ने किसी भी मुद्दे को हल करने के साधन के रूप में हिंसा के खिलाफ दृढ़ता से बात की। उन्होंने कहा कि हर हत्या एक जघन्य अपराध है और लोगों को ‘शरारती तत्वों को अविश्वास का माहौल बनाने’ की अनुमति नहीं दी सकती। ग्रैंड मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (कश्मीरी पंडितों को) नहीं जाना चाहिए, उन्हें यहां रहना चाहिए। हम पिछले 30 वर्षों से उनकी वापसी के बारे में विलाप कर रहे हैं। अब वे लौट आए हैं और उन्हें शांति और सम्मान के साथ हमारे साथ रहना चाहिए।’’
आवाज़ द वायस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्याएं की गई हैं और पीड़ितों में कश्मीरी पंडित भी शामिल हैं। पिछले महीने, कश्मीर में कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट सहित दो नागरिकों और तीन ऑफ-ड्यूटी पुलिसकर्मियों की कश्मीर में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। पिछले साल अक्टूबर में मशहूर केमिस्ट एमएल बिंदू की उनकी दुकान में हत्या कर दी गई थी। अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य लक्षित हत्याओं का विरोध कर रहे हैं और उनमें से कुछ ने घाटी से बाहर जाने की बात कही है।
सरकार ने पिछले साल जुलाई में संसद को सूचित किया था कि कश्मीरी पंडित ‘अधिक सुरक्षित’ महसूस कर रहे हैं और समुदाय के 3,800 से अधिक युवा प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत विभिन्न जिलों में नौकरी करने के लिए वापस कश्मीर चले गए हैं।
ग्रैंड मुफ्ती ने यह भी कहा कि इस्लाम और अन्य धर्म हर इंसान की सुरक्षा पर जोर देते हैं। घाटी में हिंसा पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में इंसानों और मानवता का खून सस्ता हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस्लाम और हर धर्म, हर इंसान की सुरक्षा पर जोर देता है। अगर कोई समस्या है, तो उसे हल किया जाना चाहिए, लेकिन खून बहाकर समाधान की तलाश करना मानवता के खिलाफ है। मुझे लगता है कि कश्मीर में इंसानों और मानवता का खून सस्ता हो गया है।
ग्रैंड मुफ्ती ने कहा कि इंसानों और इंसानियत का खून बहाना किसी भी सूरत में सही नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी हम निर्दोषों का खून बहाते हुए देखते हैं, हम इसकी निंदा करते हैं। यह शर्मनाक है। लोगों में संदेह है। वे जांच चाहते हैं। मुझे लगता है कि किसी भी परिस्थिति में इंसानों और मानवता का खून बहाना सही नहीं है।’’
ग्रैंड मुफ्ती ने समुदायों के बीच सौहार्द और भाईचारा बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया और हत्याओं की निंदा की। कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती ने कहा, ‘‘हर हत्या निंदनीय है और यह एक जघन्य अपराध है। मुझे ऐसी हत्याओं के बारे में दर्द होता है। मैं चाहता हूं कि लोग समझें कि हमें समुदायों के बीच भाईचारा बनाए रखना है। हमें उपद्रवियों को अविश्वास का माहौल नहीं बनाने देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि घाटी में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय निवासियों की है। उन्होंने कहा, ‘‘यह (जांच) होनी चाहिए। जब तक दोषियों की पहचान नहीं हो जाती और उनकी मंशा का पता नहीं चल जाता… वे कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा करने के अलावा एक बिहारी मजदूर के साथ ऐसा क्यों करना चाहेंगे। उनकी सुरक्षा हमारी (जिम्मेदारी) है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह पता लगाने के लिए मिलकर काम करना होगा कि ऐसी चीजों के पीछे कौन है। सवालों के जवाब देने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि पर्यटक घाटी में लौट आए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यहां पूर्ण शांति नहीं दिख रही है। हां, पर्यटक लौट आए हैं, कश्मीर में कुछ हद तक सामान्य स्थिति लौट आई है। लेकिन हम कश्मीर में पूर्ण शांति और समृद्धि देखना चाहते हैं। लेकिन स्थिति नाजुक है।’’
कश्मीर में निर्दोष नागरिकों की लक्षित हत्याएं हुई हैं और पीड़ितों में कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्य, नागरिक और सरकार के लोग शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में गुरुवार को आतंकवादियों ने एक बैंक मैनेजर विजय कुमार की उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। इस हफ्ते की शुरुआत में, जम्मू के सांबा जिले की रहने वाली 36 वर्षीय हिंदू महिला शिक्षक रजनी बाला की कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी हिस्सा लिया।