कर्नाटक: अब टीपू सुल्तान को लेकर विवाद, भाजपा नेता बोले टीपू स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे स्कूली किताबों से…

बेंगलुरुः भारतीय जनता पार्टी के विधायक अप्पाचू रंजन ने कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश को पत्र लिखकर स्कूली पाठ्यपुस्तकों में टीपू सुल्तान के बारे में दी गई गलत जानकारी को सुधारने का आग्रह किया है। बीसी नागेश ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा,“मुझे कुछ दिन पहले अप्पाचू रंजन का एक पत्र मिला है। मैं अभी पत्र को पढ़ा नहीं है। उन्होंने मुझे पत्र सौंपते समय सामग्री के बारे में जानकारी दी है। आम तौर पर, वह स्कूल के पाठ्यक्रम में टीपू के बारे में गलत जानकारी को हटाने की मांग कर रहे हैं।”

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बीसी नागेश शिक्षा मंत्री कर्नाटक सरकार

पत्र में अप्पाचू रंजन ने दावा किया,“दिखाने के लिए रिकॉर्ड उपलब्ध हैं कि टीपू सुल्तान ‘मूर्ति पूजा विरोधी’ थे। इसके अलावा उन्होंने कई हिंदू मंदिरों को लूटा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन मैसूर साम्राज्य के 18वीं शताब्दी के विवादास्पद शासक ‘स्वतंत्रता सेनानी’ नहीं थे।”

अप्पाचू रंजन ने कहा कि टीपू सुल्तान ने 20,000 से अधिक ईसाइयों और 10,000 कोडागु निवासियों का धर्म परिवर्तन कराया था। उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान कन्नड़ विरोधी भी थे क्योंकि उन्होंने कई कस्बों और इलाकों के नाम बदलकर फारसी में कर दिया था।

जुलाई 2019 में कर्नाटक में भाजपा सरकार ने टीपू की वार्षिक जयंती समारोह को रद्द कर दिया, जो 2015 से आयोजित किया जा रहा था। सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 10 नवंबर को वार्षिक समारोह के रूप में टीपू जयंती समारोह की शुरुआत की थी। भाजपा और अन्य के विरोध के बावजूद पिछले साल एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जनतादल (एस) गठबंधन सरकार ने जश्न जारी रखा था।

जद(एस) भी जयंती मनाने से कतरा रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी सहित एक भी जद (एस) नेता ने इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं की। बाद में यह समारोह उपद्रव में तब्दील हो गया।