कर्नाटक: धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित होने के बाद ईसाइयों पर बढ़े हमले, तीन दिन में तीन स्थानों पर हमला

कर्नाटक विधानसभा में गुरुवार को धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित होने के बाद से पिछले तीन दिनों में ईसाइयों के खिलाफ हमलों में अचानक तेजी आई है। मांड्या, हुबली और चिक्काबल्लापुरा में हमलों और तोड़फोड़ की तीन बड़ी घटनाएं हुई हैं। दक्षिणपंथी संगठनों के लोगों ने मांड्या में क्रिसमस समारोह को बाधित किया, वहीं गुरुवार को ही मांड्या जिले के पांडवपुरा में एक स्कूल और कॉलेज पर इन्हीं संगठनों के लोगों द्वारा धावा बोल दिया और क्रिसमस समारोह का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि शिक्षक छात्रों पर ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे हैं।

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यह घटना उस रोज़ हुई जिस रोज़ कर्नाटक सरकार ने विधानसभा में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक 2021 पारित किया था। इस घटना का वीडियो भी मौजूद है। वीडियो में, हिंदू समर्थक समूह के सदस्यों को विजया कॉलेज के शिक्षकों के साथ बहस करते हुए देखा गया था, इस वीडियो में वे कह रहे हैं कि “क्या आप अपने कॉलेज में गणेश उत्सव मनाने की अनुमति देते हैं? प्रबंधन को जवाब देना चाहिए कि यहां क्या हो रहा है।”

यह घटना उस समय हुई जब कॉलेज के छात्र अपने शिक्षकों के साथ क्रिसमस मना रहे थे। अभी तक स्कूल प्रतिनिधियों की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। उसी समूह ने तब पांडवपुरा तालुक में निर्मला कॉन्वेंट स्कूल पर धावा बोल दिया और क्रिसमस समारोह को रोक दिया। उन्होंने उनसे यीशु की तस्वीरों के साथ हिंदू देवताओं की तस्वीरें अपने संस्थान में लगाने की मांग की।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्य क्रिश्चियन कॉन्वेंट में जुबानी जंग करते नजर आ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि “यदि आप कहते हैं कि आप सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, तो हम आपको हिंदू देवताओं की तस्वीरें देंगे और दीवार पर लटका देंगे, अगर मुसलमान भी चाहते हैं, तो इसे अपने भगवान के फोटो के साथ यहां लगाएं। यहां पढ़ने वालों में ईसाई समुदाय के सिर्फ 40 बच्चे हैं, जबकि उनकी तुलना में हमारे 400 बच्चे पढ़ रहे हैं। कल हमारे बच्चे मंदिर में हाथ जोड़ना बंद कर देंगे और चर्च जाना शुरू कर देंगे।”समूह के सदस्यों ने शिक्षकों से क्रिसमस जैसे त्योहारों को चुनिंदा रूप से मनाने के लिए भी सवाल किया। इस संबंध में स्कूल प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया है।

हुबली में बाल नामकरण समारोह बाधित

आरएसएस कार्यकर्ताओं ने बुधवार रात हुबली तालुक के कोलीवाड़ गांव में धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए एक बच्चे के नामकरण समारोह में बाधा डाली। निलव्वा भजंत्री और उनका परिवार उस समय हैरान रह गया जब आरएसएस कार्यकर्ताओं ने उनके घर पर धावा बोल दिया और अपने बच्चे के नामकरण समारोह को रोक दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 15 परिवारों को धर्मांतरित किया जा रहा है।

आरएसएस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि दो फादर (पादरी) 15 परिवारों को ईसाई बनाने की कोशिश कर रहे थे और उन्हें हुबली ग्रामीण पुलिस स्टेशन ले गए। ईसाई धर्म प्रचारकों ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि “फादर माता-पिता के निमंत्रण पर बच्चे को आशीर्वाद देने आए थे।” पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की है, आरएसएस कार्यकर्ता नागराज गुंजाल ने दावा किया है कि “पादरी द्वारा इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं होने के वादे के बाद मामला बंद कर दिया गया है।”

हालांकि, पुलिस ने कहा कि उन्हें धर्म परिवर्तन का कोई सबूत नहीं मिला और इसलिए इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।

चिक्कबल्लापुर में ईसाई धर्मस्थल में तोड़फोड़

चिक्कबल्लापुरा जिले में गुरुवार को अज्ञात लोगों ने एक ईसाई पूजा स्थल (कुटी) में तोड़फोड़ की। सुबह के वक्त चिक्काबल्लापुरा के सोसेपल्या में एक मंदिर के पास स्थित प्रतिष्ठान पर असमाजिक तत्वों द्वारा पत्थर फेंके जाने के बाद सेंट एंथोनी की मूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी। चर्च के पादरी, फादर जोसेफ एंथोनी डैनियल ने लगभग 5:40 बजे एक पैरिशियन द्वारा क्षति के बारे में सूचित किए जाने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने बताया कि आईपीसी की धारा 427, 295, 153ए और 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

जानकारी के लिये बता दें कि कर्नाटक में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित किया। जनवरी में प्रस्तावित संयुक्त सत्र के दौरान विधेयक को विधान परिषद में पेश किया जाएगा।