नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा कि भारत में क्रांति ही एक मात्र चारा है। उन्होंने कहा कि भारत में क्रान्ति आ रही है। यह स्पष्ट है जब हम देखते हैं कि सब सत्ता संसथान यानी संसद न्यायपालिका कार्यपालिका आदि खोखले हो गए हैं और दूसरी और जनता का संकट और समस्याएं बढ़ती जा रहीं हैं जैसे व्यापक ग़रीबी, बेरोज़गारी, कुपोषण, स्वास्थ सुविधाओं और अच्छी शिक्षा का अभाव, किसान आत्महत्याएं, बढ़ती कीमतें , आदि।
जस्टिस काट्जू ने कहा कि हमारे राजनैतिक नेताओं को इन समस्याओं का समाधान का कोई इल्म नहीं है इसलिए वह जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए नौटंकी करते हैं जैसे राम मंदिर बनाना पाकिस्तान को गालियां देना जनता में सांप्रदायिक और जातिवादी नफरत फैलाना ताकि अगले चुनाव में वोट मिले। सारी संवैधानिक व्यवस्था सड़ गई है और इसको सुधारा नहीं जा सकता। अब क्रांति ही भारतीय जनता के लिए एकमात्र विकल्प है।
काट्जू ने कहा कि यह क्रान्ति का क्या रूप होगा? यह कैसे और कब आएगी? इसके नेता कौन होंगे? यह सब का जवाब देना संभव नहीं है। मगर क्रांति आएगी अवश्य क्योंकि मौजूदा संवैधानिक व्यवस्था ध्वस्त और खोखली हो गयी है और कोई न कोई विकल्प आना निश्चित है। ऐतिहासिक अनुभव बताता है कि क्रान्ति किसी देश में तब आती है जब करोड़ों लोग महसूस करने लगते हैं कि मौजूदा व्यवस्था में जीना असंभव है I ऐसी परिस्थिति अब भारत में आ गयी है।