झारखंड पुलिस द्वारा दो युवकों के साथ बर्बरता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो झारखंड का है जिसमें जमशेदपुर के दो युवकों ने कदमा थाना के पुलिसकर्मियों पर उनके साथ बर्बर तरीके से पेश आने का आरोप लगाया है।
क्या है पूरा मामला
जमशेदपुर के शास्त्री नगर का है जहाँ की एक बालिग लड़की दूसरे मोहल्ले धतकीडीह के एक युवक के साथ प्रेम संबंध में थी जिसके बाद वो दोनों साथ फरार हो गए। युवती के घर वालों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया जिसके बाद शास्त्री नगर के ही दो युवक मोहम्मद औरंगजेब एवं आरज़ू को प्रेमी युगल के भागने में संलिप्तता के शक में कदमा पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया।
मोहम्मद औरंगजेब का आरोप है कि पूछताछ के दौरान पुलिस वालों ने उसका नाम पूछा और नाम बताए जाने के बाद ‘मोहम्मद’ शब्द को इंगित कर पैगम्बर साहब से जोड़कर अपमानजनक शब्द कहे गए, साथ ही तालिबान न बनने एवं अफगानिस्तान भेजने जैसी बातें कहीं, दूसरे युवक के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का दबाव डाला गया जिससे इनकार करने पर उनकी बुरी तरह पिटाई की गई।
मोहम्मद औरंगजेब और आरज़ू अपने चोट के निशान दिखाते हुए कहते हैं कि उनके साथ पुलिस का रवैय्या बेहद चौंकाने वाला था, जिन्हें वो रक्षक समझते हैं उन्होंने उनके साथ ऐसा सुलूक किया। इस संबंध में दोनों युवकों ने शुक्रवार को एसएसपी ऑफिस में शिकायत की एवं आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु ज्ञापन भी सौंपा।
नहीं हुई कोई कार्रावाई
मामले को करीब एक सप्ताह होने को हैं लेकिन पीड़ितों के मुताबिक अबतक कोई कार्रवाई नही हुई है, जबकि औरंगजेब बताते हैं कि पूर्वी जमशेदपुर से विधायक एवं वर्तमान में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। इसलिये वो झारखंड के मुख्यमंत्री से अपने ऊपर हुए अत्याचार पर जाँच एवं कार्रवाई की मांग करने चाहते हैं।
इस संबंध में कदमा थाना के पुलिसकर्मियों के कहना है कि प्रेमी युगल के फरार होने के संबंध में दोनों युवकों की संलिप्तता के शक में पूछताछ के लिए उन्हें थाना बुलाया गया था, और पूछताछ पश्चात उन्हें छोड़ दिया गया, उनके साथ किसी भी प्रकार की मारपीट नही की गई एवं उनके द्वारा पुलिस पर लगाये जा रहे आरोप बिल्कुल निराधार हैं।
मुस्लिम युवक मोहम्मद औरंगजेब का आरोप है कि झारखंड जमशेदपुर के कदमा थाना में पुलिस द्वारा उसे बहुत प्रताड़ित किया गया एवं दूसरे युवक के साथ संभोग करने को कहा गया, साथ ही धर्म से संबंधित अपमानजनक बातें की गई। महोदय @JharkhandPolice कृप्या मामले की जाँच कर आवयश्क कार्रवाई करें। pic.twitter.com/jpvUll62vJ
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) August 29, 2021
पहली नही है ये घटना
झारखंड पुलिस पर ज़ेरेहिरासत नागरिकों का उत्पीड़न का यह पहला आरोप नहीं है, बल्कि इससे भी संगीन आरोप पुलिस पर पहले लग चुके हैं। जामताड़ा के मिन्हाज अंसारी की पुलिस कस्टडी में 9 अक्टूबर 2016 को मौत हुई थी। मिन्हाज़ की मौत का कारण पुलिस द्वारा मिन्हाज की बर्बरतापूर्वक पिटाई बताई जा रही थी। उस वक्त सूबे में भाजपा की सरकार थी और रघुवर दास राज्य के मुख्यमंत्री थे, लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद भी ऐसे मामलों पर अंकुश नहीं लग पाया है।