झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते(एटीएस) को बड़ी कामयाबी मिली है। एटीएस ने देशभर में माओवादी कैडरों और आतंकवादी गिरोहों को हथियार और गोला बारूद सप्लाई करने के मामले में BSF के हेड कांस्टेबल सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में BSF जवान के अलावा रिटायर्ड BSF कर्मचारी भी शामिल है।
आतकंवादी निरोधी दस्ते को एक पखवाड़े से भी कम समय में दूसरी बार सफलता मिली है। करीब 10 दिन पहले झारखंड पुलिस के ही आतंकवाद निरोधी दस्ते ने आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठनों को कथित तौर पर हथियार और गोला बारूद सप्लाई करने के मामले में एक सीआरएफ जवान और तीन अन्य को गिरफ्तार किया था।
पुलिस के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आतंकियों को हथियार सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए BSF के हेड कांस्टेबल की पहचान झारखंड निवासी कार्तिक बेहरा के रूप में हुई है। पुलिस ने पंजाब के फिरोजपुर में BSF 116 बटालियन परिसर से चोरी किए गए गोला-बारूद, मैगजीन और डेटोनेटर भी बरामद किया है। आरोपी BSF जवान पंजाब के BSF 116 बटालियन में ही तैनात था।
वहीं रिटायर्ड BSF जवान की पहचान बिहार के रहने वाले अरुण कुमार सिंह के रूप में हुई है। अरुण कुमार सिंह भी पहले 116 बटालियन में ही तैनात था। इसके अलावा एटीएस ने मध्यप्रदेश के रहने वाले कुमार गुरलाल, शिवलाल धवल सिंह चौहान और हिरला गुमान सिंह को भी हथियार सप्लाई करने के मामले में गिरफ्तार किया है।
हथियार सप्लाई करने के आरोप में हुई गिरफ़्तारी को लेकर झारखंड पुलिस के आईजी अमोल वेनुकांत होमकर ने कहा कि हम सप्लाई चेन, अंतर राज्यीय गिरोहों, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल सहित दूसरे राज्यों में हुए अवैध हथियारों के लेनेदेन का पता लगाने के लिए छापेमारी कर रहे हैं। एक बड़े नेटवर्क का पता चला है जो आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठनों को इंसास, एके-47 और 9एमएम राइफल जैसे हथियार और गोला बारूद की आपूर्ति करता है।
वहीं एटीएस के एसपी प्रशांत आनंद ने कहा कि हमने 14 सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल भी बरामद किए हैं। बरामद किए गए ज्यादातर हथियार देसी है लेकिन अधिकांश गोला बारूद सुरक्षाबलों से चुराए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस मामले में अन्य BSF जवानों के भूमिका की भी जांच कर रहे हैं। इस दौरान आईजी से यह पूछे जाने पर कि क्या इसमें दूसरे सुरक्षाबलों के जवान भी शामिल हैं तो उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है।
पुलिस सूत्रों ने इस मामले में जानकारी देते हुए कहा कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या गोला-बारूद चोरी करने के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी भी की गई। सूत्र ने कहा कि हम एक ऑपरेशन के दौरान हुए राउंड फायरिंग के झूठे दस्तावेजों की तलाश कर रहे हैं। इसके अलावा हथियारों की आपूर्ति BSF के जोधपुर और जैसलमेर परिसरों से भी हुई है। हमें इसमें और अधिक सुरक्षाबलों के शामिल होने का संदेह है।
सभार जनसत्ता