मेरठ/मवानाः राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी आज भैंसा गाँव, मवाना में राष्ट्रीय लोकदल के आह्वान पर किसान पंचायत में किसानों के बीच पहुँचे। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसान आंदोलन को शुरू से बदनाम करने पर लगी हुई है। किसानों को खालिस्तानी, आतंकी, उपद्रवी कहकर भाजपा ने देश के अन्नदाताओं को अपमानित किया है। चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि 1942 में अगस्त क्रांति के माहौल में चौधरी चरण सिंह जी ने गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मवाना, सरथना आदि में ही भूमिगत होकर “गुप्त” क्रांतिकारी संगठन को खड़ा किया।
उन्होंने कहा कि ये सरकर किसानों से बड़ी हो गई है। ये हमें बाटने की कोशिश कर रहे हैं। मैं सरकार को कहना चाहता हूं किसानों की पहचान एक है खून एक है। दिल्ली की सीमाओं पर तीन महीने से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं बुजुर्ग किसानों को नमन करता हूं। गन्ना किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि योगी सरकार ने गन्ने का भाव ना बढ़ाकर किसानों की मेहनत का अपमान किया है। मवाना की चीनी मिल पर चालू वर्ष में 200 करोड़ से अधिक भुगतान बकाया है।
पूर्व लोकसभा सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि चुनाव के समय 14 दिन में भुगतान करने का वादा करने वाली भाजपा सरकार में 13000 करोड से ज्यादा गन्ना किसानों का भुगतान बकाया है। किसानों की आय दुगुनी का वादा करते हैं लेकिन गन्ने का भाव नहीं बढ़ाया पेट्रोल डीजल बिजली का दाम दोगुना कर दिया।बिजली विभाग ने आसपास के गांवों में बकाएदारों के बिजली कनेक्शन काटने का अभियान चला रखा है। चीनी मिलें गन्ने का भुगतान नहीं कर रही हैं। ऐसे में बिजली का बिल कहां से भरें किसान।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम योगी किसान समृद्धि आयोग का गठन करते हैं लेकिन इसकी एक भी बैठक नहीं करते हैं। पंचायत में मौजूद युवाओं से सवाल करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि क्या आपके गाँव में आकर कोई किसानों को पिटेगा तो आप बर्दाश्त करोगे? जयंत चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए काले कृषि कानूनों से देश का किसान बर्बाद हो जाएगा। जब तक काले कानून वापस नहीं होंगे तब तक किसान आंदोलन चलता रहेगा।
उन्होनें कहा कि मोदी जी सत्तर साल से जो संस्थाए बनी हैं, सबको ख़राब करके दोबारा बनाना चाहते हैं लेकिन बंनाने की कबलियत उनमे नही हैं। इसलिए नोटबंदी के समय ग़रीबों को सपना दिखाया कि अमीरों से लेकर ग़रीबों में पैसा बाँटा जाएगा। मैं पूछता हूँ क्या नोटबंदी से आज तक किसी को कोई फ़ायदा हुआ? किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाली सोनिया मान और हरिंदर बिंदु के विषय में जयंत चौधरी ने कहा कि दोनों के पिता की हत्या खालिस्तानीयों ने की और वे इस आंदोलन में किसानों की सेवा कर रही है।
जयंत चौधरी ने सेना से रिटायर्ड गरमुख सिंह जी का भी ज़िक्र किया और कहा क्या किसानों के लिए लंगर चलाना गुनाह हैं क्या? और एक सेना का जवान जिसने तीन लड़ाई लड़ी हो वो देश विरोधी हो सकता हैं? साथ ही पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाते हुए अपील की कि किसी अनैतिक आदेश को पुलिस के हमारे भाइयों को मानने से इनकार कर देना चाहिए। जयंत चौधरी ने 2010 में मोदी सरकार द्वारा सुझाई गई रिपोर्ट का भी ज़िक्र किया और कहा कि जब उस समय मोदी जी MSP पर क़ानून के पक्ष में थे तो आज वे विरोध में क्यूँ हैं। क्यूँ MSP को क़ानूनी दायरे में नही लाया जाए? किसानों की इस महापंचायत में निर्णय लिया गया कि काले कृषि कानूनो को पंचायत सिरे से खारिज करती है। साथ ही मांग करती है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पूरी तरीके से लागू हो, और सभी किसानों को एमएसपी मिले। पंचायत में सरकार को चेतावनी देते हुए निर्णय लिया गया कि आंदोलन में शामिल लोगों को नोटिस भेजना, आपराधिक मुकदमे दर्ज करना बंद करे सरकार।