Latest Posts

मुजफ्फरनगर में बोले जयंत चौधरी, “हक पाना है तो बनना पड़ेगा आंदोलनजीवी”

मुजफ्फरनगर: तीन कृषि कानूनो की वापसी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा पर तंज कसते हुये राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष जयंत चौधरी ने शनिवार को कहा कि यह आंदोलनजीवियों की जीत है और अगर अपना हक़ पाना है तो सबको आंदोलनजीवी बनना पड़ेगा।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

बघरा(चरथावल) में आयोजित पार्टी की परिवर्तन संदेश रैली को संबोधित करते हुये जयंत ने कहा “ मोदी जी कह रहे हैं कि मेरा इरादा अच्छा था पर हम कुछ किसानों को समझा नही पायें, सही बात ये है मोदी जी उन्हे बरगला नहीं पाए। मैं उनको बता देना चाहता हूँ कि अब किसानों ने समझ लिया हैं, अगली पीढ़ी ने भी समझ लिया, किसान गँवार नही हैं। किसान अब इनकी झूठी बातों में आने वाला नहीं है। प्रधानमंत्री आंदोलनरत किसानों को आंदोलनजीवी कहते थे जबकि उनका कहना है कि अगर अपना हक़ पाना है तो सबको आंदोलनजीवी बनना पड़ेगा। ”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुये उन्होने कहा कि उनका पूरा ध्यान बस पूजा-पाठ और देश भर में अपने होर्डिंग लगवाने में लगा रहता है। एक ऐसा इंसान जिसे नीतियाँ न तो बनानी आती हैं और न ही लागू करनी। ऐसे इंसान को मुख्यमंत्री कैसे बनाया जा सकता है। 2017 में प्रदेश पर चार लाख करोड़ का क़र्ज़ था जो आज बढ़ कर छह लाख करोड़ का हो गया है। हालत ये है की आज सरकार अपने कर्मचारियों का वेतन तक नहीं दे पा रही है।

उन्होने किसानो से कहा “ हमने और आपने ठान लिया था कि तीनों काले क़ानून वापिस करायेंगे जिसमें हम कल सफल रहे। अब फिर से आप ठान लो इस सरकार को खदेड़ कर आप किसान और मज़दूरों की सरकार बनाएँगे जो आपके बिजली के बकाया करेगी माफ़ और आगे के बिलों को करेगी हाफ़।”

अपने पिता चौधरी अजित सिंह को याद करते हुए जयंत ने कहा “ यह चौधरी साहब की दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि इस क्षेत्र में वे उधोग धंधे लगे जो यहाँ की मुख्य फसल गन्ने से जुड़े हुए थे। जिससे किसानों को उनकी गन्ने की फसल के दाम भी मिले और हजारों युवाओं को नौकरी भी मिली। अब गन्ना किसान फिर मुसीबत में है 14 दिन में गन्ना भुगतान क़ा कानून इस सरकार में बेमानी हो गया है। अब ये इस क़ानून को ही हटाने की बात कर रहे हैं ताकि किसान को किश्तों में भुगतान हो।”

उन्होने कहा कि आज पीएम मोदी ने देश से माफ़ी माँगी हैं क्योंकि किसान एकजुट था। हमें आगे भी एकजुट रहना है। ये बाँटने के हथकंडे अपनायेंगे पर हमें साथ रहना है ताकि किसान और नौजवान को अपने हिस्से का अधिकार मिल सके। इस सरकार को बस पूँजीपतियो की चिंता हैं। योगी कहते हैं कि अगर गन्ने के दाम बढ़ाए गए तो पूँजीपतियों की कमर टूट जायेगी। अब पाँच साल बाद दाम बढ़ाया भी तो इतना कम कि पड़ोस के राज्य हरियाणा और पंजाब में यहाँ से ज़्यादा दाम दिया जा रहा है।

किसानों में जोश भरते हुए चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि यह आखिरी गन्ने का सत्र है जिसमें किसानों को दिक़्क़तें झेलनी हैं। अगले सत्र में हमारी सरकार बनेगी तो किसानों को लागत का डेढ़ गुना दाम मिलेगा। भाजपा जिन्ना की बात करती हैं मगर हम गन्ने की और नौजवानों की बात करेंगे। हमारी सरकार बनेगी तो एक करोड़ युवाओं को रोज़गार मिलेगा। यह कोरी घोषणा मात्र नही हैं मैंने विशेषज्ञों के साथ बैठ कर पूरा विजन प्लान बनाया है कि कैसे हम अपने इस वादे को पूरा कर सकते हैं। नौजवानों को रोज़गार नही दिला पाया तो ऐसी सत्ता की कुर्सी पर एक दिन नही रहूँगा।