नई दिल्लीः मशहूर इस्लामी विद्वान डॉ. उमर गौतम धर्मांतरण के एक मामले में ज़मानत मिल गई है। जानकारी के लिये बता दें कि डॉ. उमर गौतम को धर्मांतरण विरोधी कानूनों के तहत जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनके मामले की पैरवी जमीयत उलमा महाराष्ट्र की लीगल टीम कर रही है। जमीअत की ओर से गई मज़बूत पैरवरी के नतीजतन, यूपी की फतेहपुर की विशेष सत्र न्यायालय द्वारा डॉ. उमर गौतम को जमानत दी गई है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के आदेश पर देश भर में अवैध तरीके से फंसाए गए मुस्लिम युवकों की पैरवी के लिये अदालतों में कानूनी सहायता प्रदान करने वाली संस्था जमीयत उलेमा महाराष्ट्र की कानूनी टीम द्वारा मामले की ओर से ही इस मामले को देखा जा रहा था। यह जानकारी जमीयत उलेमा महाराष्ट्र के अध्यक्ष मौलाना हाफिज मुहम्मद नदीम सिद्दीकी ने एक बयान में दी है.
उन्होंने कहा कि विभिन्न ट्रस्टों के माध्यम से मानवता के कल्याण के लिए काम करने वाले प्रसिद्ध विद्वान डॉ. उमर गौतम पर हिंदू बच्चों को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए नूरुल हुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल के एक शिक्षक द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी. कोतवाली फतेहपुर थाने में क्रमांक 558/2021 के तहत जिस पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता समेत उत्तर प्रदेश धर्मांतरण विरोधी कानून की धारा 3 व 5 के तहत मामला दर्ज किया था. उसके और अन्य के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई थी. .
जमीयत उलेमा कानूनी टीम से संपर्क करने के बाद, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र के लीगल सेल के सचिव और वरिष्ठ अधिवक्ता पठान ताहिर खान की देखरेख में तेज़ तर्रार वकीलों की एक टीम बनाई गई थी। अधिवक्ता पठान ताहिर खान के साथ अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी। लखनऊ की जानी-मानी युवा वकील एडवोकेट जिया जिलानी ने अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मौजूदा हालात में यह सफलता बेहद जरूरी है, हम उम्मीद करते हैं कि हमारी कानूनी टीम अन्य संबंधित मामलों में भी सफल होगी.