नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए जिम्मेदार नुपुर शर्मा और अन्य के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अनुशासनात्मक कार्रवाई को देश के लिए आवश्यक और समयोचित करार दिया है।
उन्होंने कहा कि पैगंबर के अपमान से बढ़कर कोई साम्प्रदायिकता नहीं है और इससे बड़ा कोई दिल को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य नहीं है। इसलिए हम आशा करते हैं कि कानून का पालन कराने वाली एजेंसियां बिना देरी किए उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करेंगी और वास्तव में उन्हें दंडित करेंगी। साथ ही ऐसे सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई होगी जो लगातार पैगंबर का अपमान करने की हठधर्मिता करते रहते हैं।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने हाल ही में आयोजित अपनी प्रबंधन समिति की सभा में इस इस सम्बंध में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें मांग की गई कि सभी धार्मिक पेशवाओं के सम्मान और महानता की रक्षा के लिए ऐसे कानून को तत्काल लागू किया जाए जिससे इस तरह के घृणात्मक कृत्य पर काबू पाया जा सके।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर कर रखी है कि सुप्रीम कोर्ट अपने द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए सरकारों को मजबूर करे।