नई दिल्ली: कथित तौर से हेट क्राइम के शिकार हुए कैब ड्राइवर आफताब आलम के परिवार वालों से जमीयत के प्रतिनिधि मंडल ने लगातार दूसरे दिन आज मुलाकात की। और उनके प्रार्थना पत्र पर न्यायालय में मुकदमें की पैरवी का फैसला किया। इस संबंध में आफताब के मां-बाप और लड़कों ने जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी के नाम एक लिखित प्रार्थना पत्र दिया है कि निर्दोषों और असहायों के लिए आशा की किरण रही जमीअत उलमा ए हिंद उनको भी न्याय दिलाए।
जमीअत उलमा ए हिंद के प्रतिनिधि मंडल ने त्रिलोकपुरी दिल्ली में उनके शोक ग्रस्त परिवार वालों से मुलाकात की और इस पूरे मामले का विस्तृत विवरण प्राप्त किया। शोक ग्रसित परिवार वालों में बीमार मां बाप और छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनके भरण पोषण की ज़िम्मेदारी आफताब आलम पर थी। मृतक आफताब के पिता ताहिर हुसैन, सुपुत्र मोहम्मद साबिर, मोहम्मद शाहिद और मोहम्मद साजिद ने बताया कि उनके पिता अपने किसी जानने वाले को लेकर गुरुग्राम से बुलंदशहर कैब के माध्यम से छोड़ने गए थे। वापसी में उन्होंने कुछ यात्रियों को गाड़ी में बैठा लिया था। उन्होंने ही उनके पिता को मारा है। हमारे पास ऑडियो है कि उन लोगों ने उनके वालिद (पिता) को जय श्री राम बोलने पर मजबूर किया और शराब पीने की दावत दी। इसे किसी भी लूटमार या आम हत्या के वर्ग में नहीं रखा जा सकता। यह पूरी तरह से धर्म के आधार पर घृणा के कारण हुआ है। साबिर ने कहा कि उनके पिता हेट क्राइम के शिकार हुए हैं। अब हमारा सिर्फ एक उद्देश्य है कि इंसाफ मिले।
इस संबंध में जमीयत उलमा ए हिंद के प्रतिनिधि मंडल ने बादलपुर थाना उत्तर प्रदेश में जाकर पुलिस अफसरान से मुलाकात की और न्याय के लिए मांग रखी। जमीयत के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पुलिस इसे लूटमार या आम अपराधिक कार्य से जोड़कर स्वयं से फैसले का दृष्टिकोण हरगिज़ न बदले, बल्कि हेट क्राइम और धार्मिक कट्टरपंथी के मामले को अपनी जांच के क्षेत्र में लाए। जब ऑडियो में एक बात साफ सुनाई दे रही है तो पुलिस खुद से ही मामले को विशेष रुख पर कैसे पेश कर सकती है। बहरहाल जमीयत उलमा ए हिंद ने आफताब आलम और उनके परिवार वालों को न्याय दिलाने का फैसला किया है। प्रतिनिधिमंडल में भाग लेने वाले जमीयत के वकील एडवोकेट शमीम अख्तर ने पूरे रिकॉर्डस जमा किए हैं और एक परिणाम पर पहुंच मुकदमें की पैरवी करेंगे।
जमीयत उलमा ए हिंद के प्रतिनिधिमंडल में मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, सचिव, जमीयत उलमा ए हिंद, मौलाना दाऊद अमीनी उपाध्यक्ष, जमीयत उलमा दिल्ली, मौलाना क़ारी मुस्तफा दादरी, मौलाना गय्यूर अहमद कासमी, एडवोकेट शमीम अख्तर, मौलाना साद इत्यादि शामिल रहे।