नई दिल्ली/लखनऊ: प्रमुख इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है, जबकि उनके साथ गिरफ्तार किए गए चार अन्य लोगों के जल्दी ही रिहा होने की उम्मीद है। जमीअत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद महमूद मदनी ने मौलाना कलीम सिद्दीक़ी के मुकदमे की पैरवी करने का एलान किया है।
जमीअत उलमा हिंद के वकील एडवोकेट अबू बकर सबाक ने लखनऊ से बताया कि अदालत ने यूपी एटीएस को उसके रवैये और प्रक्रियाओं के लिए कड़ी फटकार लगाई है और मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की रिमांड की मांग को ख़ारिज करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि वकीलों की टीम की कड़ी मेहनत और पुख्ता दलीलों को अदालत ने ध्यान से सुना, एडवोकेट सबाक ने कहा कि मौलाना कलीम के मामले को उमर गौतम के मामले से जोड़ा गया है, इसलिए यह थोड़ा लंबा हो सकता लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है। उम्मीद है कि जल्दी ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। जमीयत उलेमा-ए-हिंद (मौलाना महमूद मदनी) ने अदालती कार्यवाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गौरतलब है कि 21 सितंबर की रात यूपीएटी मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत चार अन्य को मेरठ से हिरासत में लेकर लखनऊ ले गई थी और आज एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि की। साथ ही मौलाना कलीम सिद्दीकी पर जबरदस्ती धर्मांतरण कराने और विदेशों से गैरकानूनी ढंग से फंडिंग लेने का आरोप लगाया है। अदालत ने मौलाना कलीम सिद्दीक़ी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
जमीअत उलमा ए हिंद (मौलाना महमूद मदनी) ने ट्विटर पर ऐलान किया है कि मौलाना महमूद मदनी राष्ट्रीय अध्यक्ष जमीयत उलेमा ए हिंद के आदेश पर जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मौलाना कलीम सिद्दीकी का केस लड़ेगी।