नई दिल्लीः जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने आज 73वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय के डॉ एम ए अंसारी सभागार के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। तिरंगा फहराने के साथ ही राष्ट्रगान गाया गया। कोविड-19 दिशानिर्देशों के तहत आयोजित इस समारोह की मुख्य अतिथि कुलपति रहीं।
कार्यक्रम में प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर मेहताब आलम, प्रोफेसर नाजिम हुसैन अल-जाफरी, रजिस्ट्रार और महामारी के मद्देनज़र सीमित संख्या में विश्वविद्यालय के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ ने भाग लिया। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट सेवाओं के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक, पद्म श्री से सम्मानित होने पर कुलपति को सभागार में उपस्थित लोगों ने तालियां बजाकर मुबारकबाद दी।
कल भारत सरकार द्वारा घोषित पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची में प्रोफेसर अख्तर का नाम आया। इस उपलब्धि पर उत्साहित उन्होंने कहा, “मैं यह सम्मान पाकर सम्मानित और विनम्र महसूस कर रही हूं। मैं इस अवसर पर भारत सरकार को धन्यवाद देती हूँ, जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मुझे पद्मश्री सम्मान देकर और जिम्मेदारी का एहसास करवाया, जिसका मतलब है कि मुझे भविष्य में और भी कड़ी मेहनत करनी होगी। मैं अपने परिवार, मित्रों और सहकर्मियों को भी धन्यवाद देती हूँ जो हर मुश्किल समय में मेरे साथ खड़े रहे। मैं इस सम्मान के लिए अपने अन्य प्राप्तकर्ताओं को भी हार्दिक बधाई देती हूँ।”
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर मुकुल केसवान ने ‘ए सबकॉन्टिनेंटल रिपब्लिक’ शीर्षक से अपने व्याख्यान से सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया। जामिया के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्धियों ने सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। संविधान सभा के नाटकीय प्रतिनिधित्व के माध्यम से, छात्रों ने भारत के संविधान की ड्राफ्टिंग की व्याख्या की। छोटी बच्चियों ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में, भारत की पहली उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को समर्पित एक फैंसी ड्रेस कार्यक्रम प्रस्तुत किया। देशभक्ति समूह गीत और भाषण इस कार्यक्रम के अन्य मुख्य आकर्षण थे। कुलपति और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, “हमारा देश हमें संयम, गरिमा, अपनेपन और मानवता का संदेश देता है। मित्रता, परोपकार, मानवीय प्रेम, उदारता जैसे गुण भारत को पूरी दुनिया को अपना बनाने में मदद करते हैं। इन्हीं गुणों के कारण हमारा देश विश्व पटल पर अपनी मर्यादा बनाए रखने में सक्षम है। देश और मानव समुदाय के स्वतंत्र विकास में योगदान देना हम सबका दायित्व है। हम अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहें। मानव मित्रता और मानव सेवा ही हमारी संस्कृति है। यही संस्कृति और मानवीय भावना जामिया मिल्लिया इस्लामिया की अनूठी पहचान है।
प्रोफेसर अख्तर ने आगे कहा कि पिछले दो साल से पूरी दुनिया कोरोना वायरस और इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों से जूझ रही है। इसने मानव जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। लेकिन तमाम समस्याओं के बावजूद इस संकट काल में विश्वविद्यालय ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। हमारी कड़ी मेहनत और लगन से, हमें NAAC से A++ ग्रेड मिला है, NIRF और अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में हमारी स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इस सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों, छात्रों और पूर्व छात्रों को जाता है। प्रोफेसर नाजिम हुसैन अल जाफरी, रजिटार, जामिया द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।