लखनऊ: फरवरी 2020 से जेल में बंद सपा के कद्दावर नेता आज़म ख़ान ने 10 मार्च को ही रामपुर विधानसभा सीट से दसवीं बार विधानसभा का चुनाव जीता है। आज़म ख़ान ने यह चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीता है। इसी जीत की खुशी के साथ-साथ उन्हें एक और खुशी अदालत से मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आज़म ख़ान को जमानत दे दी है।
नहीं मिल पाया कोई ठोस सबूत
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश पारित करते हुए कहा कि राज्य सरकार के वकील आज़म ख़ान के खिलाफ कोई भी ठोस सबूत पेश नहीं कर सके। कोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील आज़म ख़ान के द्वारा की गई किसी भी हेराफेरी और वित्तीय अनियमितता को साबित नहीं कर सके। मामले में सभी तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा, कि आगे की जांच और केस के लिए आज़म ख़ान की लगातार हिरासत की जरूरत नहीं है। सबसे खास बात है कि आजम को 87 मामलों में से 86 में जमानत मिल चुकी है।
न्यूज़ 18 की ख़बर के मुताबिक़ उन्होंने कहा कि पहली नजर में आज़म ख़ान के हिरासत में कोई जरूरत कोर्टको महसूस नहीं होती है। सुनवाई के दौरान ये भी सामने आया है कि आज़म ख़ान के खिलाफ 87 मामले दर्ज किए गए थे। दो को छोड़कर बाकी सभी मामलों में उन्हें जमानत दी जा चुकी है। अखिलेश यादव की सरकार में जल निगम में 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 क्लर्क, 32 आशुलिपिक समेत कुल 1300 पदों पर भर्तियों में घोटाले का आरोप लगा था। सरकार इस मामले में 122 अभियंताओं को बर्ख़ास्त कर चुकी है।
योगी सरकार ने एसआईटी को सौंपी थी जांच
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस भर्ती घोटाले की जांच एसआईटी से करवाई थी जिसके बाद 25 अप्रैल 2018 को एसआईटी ने जल निगम में भर्ती घोटाले की एफआईआर दर्ज कराई थी। ये पूरा मामला अखिलेश यादव की सरकार में जल निगम की भर्तियों में घोटाले का है। उस वक्त आज़म खान जल निगम के चेयरमैन थे, लिहाज़ा उनको इसमें आरोपी बनाया गया था। बता दें कि आज़म ख़ान फरवरी, 2020 से जेल में बंद थे।
एसआईटी ने आज़म ख़ान पर अखिलेश यादव सरकार में 1,300 लोगों की नियुक्ति के मामले में अनियमितता का मामला दर्ज किया था। बता दें कि जेल में रहकर आज़म ख़ान ने रामपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। 10 मार्च को हुई वोटों की गिनती के दौरान वह अपनी सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं। अब उन्हें जमानत भी मिल गई है। ये आज़म ख़ान के लिए दोहरी खुशी का मौका है।