Latest Posts

जयपुर: दरिंदगी का शिकार हुई बिटिया को छह महीने में ही मिला इंसाफ, पॉक्सो एक्ट में दरिंदे को सुनाई गई फांसी…

जयपुर में पॉक्सो कोर्ट ने मासूम बिटिया के दरिंदे को मौत की सजा सुनाई है। दरिंदे ने चार साल की मासूम बच्ची की रेप के बाद हत्या कर दी थी। बच्ची का शव तालाब से बरामद हुआ था। जांच में यह बात सामने आई थी कि आरोपी ने रेप के बाद बच्ची को तालाब में फेंक दिया था। जयपुर जिले में पॉक्सो एक्ट में फांसी देने का यह पहला मामला है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

पिता ने दर्ज कराया था मुकदमा

मासूम के पिता ने 12 अगस्त 2021 को नरैना थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस को उसी दिन तालाब में बच्ची की लाश मिली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई थी। जयपुर ग्रामीण पुलिस ने 13 अगस्त को आरोपी सुरेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं मामले की जांच पूरी होने पर 25 अगस्त को अदालत में विभिन्न धाराओं में चालान पेश किया था। गुरुवार को पॉक्सो कोर्ट में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है।

सरकार की संजीदगी

मानवता को शर्मशार करने वाले इस मामले में राजस्थान सरकार द्वारा दिखाई गई तत्परता की बदौलत पीड़ित परिवार को न्याय और अपराधी को सज़ा हुई है। राजस्थान सरकार ने इस मामले में पुलिस को सख्त निर्देश दिये थे जिसकी वजह से पुलिस के हाथ अपराधी के गिरेबान तक पहुंचे, फिर मात्र छह महीने के अंदर इस मामले में अदालत ने भी अपना फैसला सुना दिया।

6 महीने में सुनाई गई सजा, कोई नरमी नहीं

पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को आईपीसी की धारा 376ए(बी), धारा 302 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 में दोषी माना है। आठ फरवरी को सजा के बिंदु पर बहस के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक महावीर किश्नावत ने मामले को ‘रेयरेस्य ऑफ द रेयर’ बताते हुए कोर्ट से अभियुक्त सुरेश के लिए मृत्युदंड देने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अभियुक्त का कृत्य जानवरों से भी बदतर है। इसने न केवल मासूम के साथ दुष्कर्म किया बल्कि उसे तालाब में डुबोकर बड़ी बेरहमी से मार डाला।