नई दिल्लीः इस्राइल द्वारा हिरासत में ली गई अल जज़ीरा की संवाददाता गिवारा बुदेरी को रिहा कर दिया गया है। यह जानकारी क़तर स्थित एक चैनल द्वारा दी गई है। समाचार एजेंसी अनादोलु की रिपोर्ट के मुताबिक़ हिरासत में ली गई गई अल जज़ीरा की पत्रकार अपनी टीम के साथ यरुशल में आयोजित एक धरना-प्रदर्शन को कवर कर रही थीं, इसी दौरान उन्हें इस्राइल द्वारा हिरासत में ले लिया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अल जज़ीरा की पत्रकार गिवारा बुदेरी को हिरासत में लिए जाने के कुछ घंटों बाद उन्हें नजरबंदी से रिहा तो कर दिया गया है, लेकिन और शेख जर्राह के कब्जे वाले पूर्वी यरूशलेम के आस-पास जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। रिहा होने के बाद अल जज़ीरा की पत्रकार ने कहा कि उन्हें सशर्त रिहा कर दिया गया है लेकिन 15 दिनों के लिए शेख जर्राह जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।”
क्या था पूरा मामला
दरअस्ल इसी वर्ष अप्रैल के मध्य से एक इस्राइली अदालत के विवादित फैसले के बाद फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया है। इस्राइली अदालत ने शेख जर्राह में आठ फ़िलिस्तीनी परिवारों को उनके घरों से बेदखल करने का फैसला किया है। इन परिवारो के समर्थन में आयोजित फिलिस्तीनियों के धरने में इस्राइल पुलिस ने दख़ल दिया। धरना दे रहे इन फिलिस्तीनियों को पूर्वी यरुशलम के कब्जे वाले शेख जर्राह में अपने घरों से जबरन बेदखल किए जाने का खतरा है। इसी दौरान इस्राइल अधिकारियों ने प्रदर्शन को कवर कर रही अल जज़ीरा टीम पर हमला किया, और अल-जज़ीरा की पत्रकार को हिरासत में ले लिया।
स्थगित हुआ निर्णय
इस्राइली अदालत के विवादित फैसले के ख़िलाफ बड़े पैमाने पर फिलिस्तीनियों ने प्रदर्शन किया, जिसकी बदौलत दिसंबर तक अदालत के इस विवादित फैसले को स्थगित कर दिया, हालांकि इस फैसले को स्थगित किये जाने के पीछे गाजा में इस्राइल और फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के बीच 11 दिनों की लड़ाई के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय दबाव भी शामिल था।
आईपीआई ने की थी निंदा
इस्राइल पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गईं अल-जज़ीरा की पत्रकार की इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (आईपीआई) ने बयान जारी कर कड़ी निंदा की थी। “बुदेरी को शेख जर्राह पड़ोस में विरोध प्रदर्शनों को कवर करने के बाद हिरासत में लिया गया था। घटना के वीडियो से पता चलता है कि बुदेरी ने स्पष्ट रूप से अपनी पहचान के लिये ‘प्रेस’ के रूप में चिह्नित कपड़े भी पहन रखे थे, अल जज़ीरा के अनुसार जब गुदेरी को इस्राइल पुलिस द्वारा घसीटा गया तो उन्होंने इसराइली पुलिस को प्रेस कार्ड दिखाने का भी प्रयास किया था। इस दौरान अल-जज़ीरा के कैमरामैन नबील मजावी के उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
इसराइली पुलिस की इस करतूत की निंदा करते हुए आईपीआई के कार्यकारी निदेशक बारबरा ट्रियोनफी ने कहा कि, “आईपीआई जेरूसलम में इसराइली सुरक्षाबलों द्वारा गिवारा बुदेरी की क्रूर गिरफ्तारी की निंदा करता है और उन्हें तत्काल रिहा करने का आह्वान करता है।” ट्रियोनफी ने आगे कहा, “आईपीआई गिवारा बुदेरी के साथ-साथ कम से कम 10 अन्य पत्रकारों को भी तत्काल रिहा करने का आह्वान करता है जिन्हें वर्तमान में इस्राइल ने हिरासत मे रखा हुआ है। इस्राइल को आईडीएफ के प्रतिनिधियों को जवाबदेह ठहराना चाहिए।”
जानकारी के लिये बता दें कि पिछले महीने, इस्राइल के युद्धक विमानों ने गाजा स्थित उस इमारत पर भी हमला किया था जिसमें अल जज़ीरा और द एसोसिएटेड प्रेस सहित विभिन्न मीडिया समूहों के दफ्तर हैं। इस्राइल के हमले से यह इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी। इस्राइली अधिकारियों ने इस कार्रावाई के पीछे आरोप लगाया था कि इस कार्यालय टावर हमास द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।