नेहा खान बनी RAS अधिकारी, माता-पिता का सपना हुआ पूरा

जयपुर (डाॅक्टर इस्माईल)। गत दिनों आए आरएएस परीक्षा 2018 के रिजल्ट में जयपुर की नेहा खान ने ओबीसी गर्ल्स में 77 वां स्थान प्राप्त किया है। उनकी कामयाबी की इत्तेला मिलते ही उनको बधाई देने वालों का उनके घर पर तांता लग गया। आवाम ए इंडिया चैनल की ओर से डॉक्टर इस्माईल ने भी नेहा खान को मिठाई खिलाकर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। नेहा खान ने बताया कि 2016 में भी उन्होंने आरएएस की परीक्षा दी थी, जो क्लियर नहीं हुई। 2018 में वापस कोशिश कर 77 वां स्थान ओबीसी गर्ल्स में हासिल किया है।

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नेहा ने बताया कि उन्होंने कभी कोई इंस्टिट्यूट ज्वाइन नहीं किया। उसने सेल्फ स्टडी करके ही इस मुकाम को हासिल किया है। उन्होंने कहा कि परीक्षा से पहले तकरीबन 16 घंटे पढ़ाई किया करती थी और इंटरव्यू के लिए उन्होंने कई मर्तबा मॉक इंटरव्यू दिए। जिससे उसमें एक कॉन्फिडेंस बिल्ड हुआ और उन्हें इंटरव्यू में कोई परेशानी नहीं आई।

नेहा ने सारा श्रेय अपने माता-पिता को दिया। उन्होंने कहा कभी माता-पिता ने उन्हें उनकी पढ़ाई के बीच में किसी को रुकावट नहीं बनने दिया और मैं अपने मिशन की तरफ हमेशा ध्यान लगाकर बढ़ती चली गई। नेहा ने बताया कि आप अपनी पढ़ाई को फोकस करके और अपने गोल को टारगेट बना कर चलेंगे तो जरुर कामयाबी मिलेगी। उन्होंने समाज के लिए मैसेज भी दिया और कहा कि जब एक लड़का पढता है तो एक खानदान आगे बढ़ता है, मगर जब एक लड़की पढ़ती है तो तीन खानदान आगे बढ़ते हैं। इसलिए खास तौर से लड़कियों की शिक्षा पर माता-पिता को ध्यान देना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मेरे माता पिता ने कभी मेरे को अपने मिशन के लिए नहीं रोका। वह घर का काम कर अपनी मां का हाथ भी बंटाती थी। नेहा को कुकिंग का शौक है। नेहा की मां शबनम खान ने बताया कि नेहा को पढ़ाई के अलावा कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। वह अपनी मर्जी से ही घर के कामों में हाथ बंटाया करती थी, क्योंकि उसे खाना बनाने का शौख है, इसलिए उनके साथ मिलकर खाना बनाने में उनकी मदद किया करती थी।

उन्होंने कहा कि उनको अपनी बेटी पर फख्र है कि कभी नेहा किसी इंस्टिट्यूट में नहीं गई और 77 वां स्थान बनाया। यह उनके लिए सबसे बड़ा बेटी की तरफ से इनाम है। उन्होंने किया कि मैंने बेटे और बेटी में कोई फर्क नहीं किया, दोनों को एक जैसी ही शिक्षा दिलवाई है। पिता फरीद खान ने कहा कि उनका शुरू से ही सपना था कि उनकी बेटी एक आरएएस ऑफिसर बने और वह सपना उनकी बेटी ने पूरा कर दिखाया। उनकी बेटी ने कभी भी कोई एक्स्ट्रा क्लासेज या ट्यूशन नहीं लिए, यह उनके लिए सबसे बड़ी फख्र की बात है कि वे सिर्फ घर पर पढकर खुद की मेहनत व लगन से आज आरएएस अधिकारी बन गई हैं।

(इकरा पत्रिका के सौजन्य से)