लखनऊ/नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने शामली में सम्पन्न संयुक्त प्रेसवार्ता में आज मतदाताओं से गठबंधन प्रत्याशियों को जिताने की अपील की। दोनों नेताओं ने कांधला, ऐलम, बड़ौत, बागपत और गाजियाबाद जिले के लोनी में गठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में जनसम्पर्क का कार्यक्रम भी है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव भाईचारा बनाम भाजपा है। भाजपा नकारात्मक राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी गठबंधन की सरकार बनेगी तो 300 यूनिट बिजली फ्री मिलेगी, सिंचाई माफ होगी, पुरानी पेंशन बहाल होगी, छात्रों को लैपटॉप मिलेगा, माताओं, बहनों को हर साल 18 हजार रू0 समाजवादी पेंशन दिया जाएगा। गन्ना किसानों के लिए अलग से कार्पस फंड बनाया जाएगा, जिससे गन्ना किसानों को 15 दिन के अंदर भुगतान हो जाए। गांव स्तर तक रनिंग ट्रैक बनेगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी और जयंत चौधरी की दोस्ती बहुत मजबूत है, लोग हमारी एकता और भाईचारा को पसंद कर रहे हैं, इसी से भाजपा बौखलाई हुई है और परेशान है। गठबंधन के प्रत्याशियों को ऐतिहासिक मतों से जिताने की अपील करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं, उस पर चुनाव आयोग को नोटिस लेना चाहिए। एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति इस तरह की भाषा नहीं बोल सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी जानते हैं कि वह भाजपा के सदस्य नहीं है भाजपा उन्हें पैदल करके पहले ही घर भेज चुकी है, आने वाले समय में उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है। जब से गठबंधन को भारी समर्थन मिल रहा है इनके तोते उड़े हुए हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि इस बार किसान महसूस कर रहा है कि यह उसके मान सम्मान का चुनाव है। भाजपा के लोगों ने किसानों पर जीप चढ़ा कर मार दिया, उनकी हत्या कर दी, लेकिन आज तक बीजेपी इसका जवाब नहीं दे पाई। एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने अपने मुकदमे वापस ले लिए हैं अगर किसी ने इसके खिलाफ दरखास्त दी तो मुकदमों की समीक्षा होगी।
राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि जो लोग आज किसानों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने कभी सम्मान नहीं दिया। नौजवानों को रोजगार नहीं दिया। आज सभी जाति, वर्ग का समर्थन गठबंधन के साथ है। नौजवान उम्मीद और विश्वास के साथ गठबंधन के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने केंद्रीय बजट में किसानों और रोजगार सृजन के लिए कुछ नहीं दिया है। कोरोना काल में बड़ी संख्या में मजदूर लौटे जिससे नरेगा जैसी योजना की डिमांड बढ़ गई। लेकिन इस सरकार ने नरेगा का बजट भी घटा दिया है।
जयंत चौधरी ने कहा कि नौजवानों के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। आज किसानों और नौजवानों पर डबल इंजन की मार पड़ रही है। हम लोग किसानों का संदेश लेकर आए हैं। जयंत चौधरी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जो लोग जिन्ना, पाकिस्तान और औरंगजेब का नाम लेकर चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें भारी शिकस्त मिलने वाली है।
ब्राह्मणों से वादा
खिलेश यादव ने ब्राह्मणों से वादा किया कि सत्ता में आने पर संस्कृत शिक्षकों का सम्मान होगा। मंदिरों का संरक्षण होगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों सहित मंदिरों के अन्य पुजारियों को भी मानदेय दिया जाएगा।
कई ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को अखिलेश से मुलाकात की और उन्हें अपने समर्थन का भरोसा दिलाया। ब्राह्मण समाज ने अपने मांग पत्र में कहा है कि भगवान परशुराम की जयंती पर पूर्व में दिए गए सार्वजनिक अवकाश को पुनः बहाल किया जाए। ब्राह्मण आयोग का गठन हो। ब्राह्मण एवं ब्राह्मण हितों पर हो रहे कुठाराघात को रोका जाए। संस्कृत, कर्मकाण्ड, ज्योतिष की शिक्षक को प्रोत्साहित किया जाए। केन्द्र सरकार द्वारा सवर्णों को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण का उचित अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। गरीब सवर्णों को भी सभी जरूरी सुविधाएं दी जाए। मंदिर में कार्यरत पुजारियों को जीवन यापन भत्ता दिया जाए।
परशुराम जन्मस्थली का सौन्दयीकरण एवं उसको तीर्थस्थल घोषित किया जाए। लखनऊ के किसी एक प्रमुख चौराहे को परशुराम चौक के रूप में नामित कर विकसित किया जाए। ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न बंद किया जाए तथा ब्राह्मण बेटी खुशी दुबे को रिहा कर उस पर लगे झूठे मुकदमों को वापस लिया जाए।
अखिलेश यादव ने ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधिमण्डल को आश्वासन दिया कि समाजवादी सरकार बनने पर संस्कृत शिक्षकों का सम्मान होगा। मंदिरों का संरक्षण होगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों सहित मंदिरों के अन्य पुजारियों को भी मानदेय दिया जाएगा। रामायण के कलाकारों को भी मानदेय देंगे। श्रवण यात्रा फिर शुरू होगी। ब्राह्मणों सहित सभी पर लगे फर्जी मुकदमें वापस लिए जाएंगे। समाजवादी सरकार बनने पर पुरोहितों को भी मानदेय देंगे।
उन्होने कहा कि समाजवादी सरकार में तीर्थ स्थलों के विकास के साथ संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया था। पूर्व की समाजवादी सरकार में संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी को 30 करोड़ की मदद दी गई थी। परशुराम जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था।