नई दिल्लीः Innovative Institute of law पहली बार राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन करने जा रहा है। यह प्रतियोगिता 29 अप्रैल से 1 मई तक चलेगी। प्रतियोगिता में कई राज्यों से विश्वविद्यालयों की 21 टीमें प्रतिभाग करेंगी। विश्वविद्यालय प्रशासन तैयारियों में जुटा है।
विधि संकाय के अधिष्ठाता नाम ने बताया कि प्रतियोगिता में उन्होंने बताया कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता प्रत्येक विधि छात्र के लिए अति आवश्यक है। इससे न केवल छात्र बोलने की कला सीखते हैं, बल्कि कोर्ट रूम की मर्यादाओं एवं शिष्टाचार से भी अवगत होते हैं।
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शिक्षक समन्वयक प्रोफेसर आनंद ने बताया की प्रत्येक टीम में दो वक्ता और एक शोधकर्ता होगा। सर्वप्रथम प्रिलिमनरी राउंड, फिर क्वार्टर फाइनल, सेमी फाइनल एवं फाइनल राउंड होंगे। फाइनल राउंड में न्यायमूर्ति हरीश चंद्रा मिश्रा और अंजना मिश्रा छात्रों को जज करेंगे । श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीमों एवं वक्ता को सम्मानित किया जाएगा साथ ही बेस्ट मेमोरियल बनाने वाली टीम को भी पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतियोगिता की तैयारी की जा रही है। विधि संकाय की मूट कोर्ट कमेटी के छात्र, छात्राएं एवं संकाय पूर्ण लगन से कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूर्ण लगन से कार्यरत है।
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इस दौरान विधि के छात्र-छात्राओं ने मूट कोर्ट में मुकदमा लड़ा और याचिकाएं दाखिले करने के साथ बहस भी की। इस दौरान उनकी प्रतिभा को परखा गया।
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति मृदुला मिश्रा ने कहा कि छात्र-छात्राओं का मूट कोर्ट के प्रति जो समर्पण और जिज्ञासा है, वह निश्चित रूप से बहुत ही उपयोगी साबित होगा। जब हम न्यायालय में होते हैं तो यह बहुत आसानी से समझ लेते हैं कि कौन पूरी तैयारी के साथ कोर्ट के समक्ष आया है। यह समझते भी देर नहीं लगती कि ये वही छात्र-छात्राएं हैं, जिन्होंने अवश्य ही मूट कोर्ट को अपनी पढ़ाई के दौरान गंभीरता से लिया होगा और मूट कोर्ट की प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया होगा।
इसी का नतीजा है कि ऐसे छात्र-छात्राएं आगे चलकर न्यायालय के समक्ष न सिर्फ अच्छी याचिकाएं डालते हैं, बल्कि बहुत अच्छी तरह से अपनी बात रखते हैं और बहस करते हैं।