नई दिल्ली: धर्म, ज़ात और मज़हब के नाम नफ़रत और कट्टरता फैलाने वालों के नाम पर बरेली की खानकाह नियाजिया ने कड़ा संदेश दिया है। खानकाह ने देश के नाम भाईचारे, अपनेपन और इंसानियत का पैग़ाम देते हुए कहा है कि वोट की खरीद फरोख्त से दूर रहें। खानकाह ने ये संदेश जनाब शब्बू मियां खानकाह नियाजिया और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने एकसाथ दिया। इस दौरान देश के नाम पैगाम दिया गया की हिंदुस्तान के भाईचारे, एतेहाद, सद्भावना से किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
इस मौके पर शब्बू मियां ने कहा कि बरेली की खानकाह नियाजिया ने हमेशा गंगा जमुनी तहजीब को बढ़ावा दिया है। खानकाह की खासियत यह है कि इंसानियत को मज़हब से ज़्यादा तरजीह दी जाती है। यही वजह है कि यहां अकीदतमंदों में हर मज़हब के लोग बड़ी तादाद में शामिल हैं। इस खानकाह से देश विदेश की बड़ी शक्सियतें जुड़ी हुई हैं। यहां की जश्न – ए – चिरागा – हिंदू मुस्लिम एकता की जीती जागती मिसाल है।
खानकाह नियाजिया के शब्बू मियां ने कहा कि वह अपने मुरीदों, चाहने वालों और देश के मुसलमानों को यही पैगाम देंगे कि ऐसी सरकार को तरजीह दें जिसमें दंगा न हो, अमन ओ अमान हो। पिछली सरकारों में दंगा न रोक पाना एक बड़ी कमी थी। शब्बू मियां ने कहा कि सरकार के काम और साफ नियत से लोगों में सकून आया है। प्रदेश में बिजली की स्थिति बहुत अच्छी हुई है। इंसान को उसका हक व हकूक मिल रहा है।
खानकाह में वरिष्ठ संघ नेता इंद्रेश कुमार ने दरगाह पर चादर और फूल चढ़ाए। उन्होंने इस मौके पर मौजूद भारी तादाद में मुस्लिम भाई बहनों से अपील किया कि मुस्लिम समाज को वैसी सरकार को सत्ता में लाना चाहिए जो तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करती हो बल्कि सबके समावेश में विश्वास रखती हो… सबके साथ, सबके विकास, सबके विश्वास में यकीन रखती हो। इंद्रेश कुमार ने कहा कि अवाम को अपना दिल व दिमाग खोल के यह सोचना चाहिए कि किसकी सरकार में उन्हें सुरक्षा और स्वाभिमान मिला।
उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखना चाहिए कि बीजेपी सरकार ने सभी को एक समान सम्मान दिया है, किसी के साथ भी सरकारी योजनाओं को लेकर भेद भाव नहीं किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को घर मिला, उज्ज्वला योजना के तहत गैस मिली, लोगों को कोरोना जैसी बीमारियों से बचने के लिए मुफ्त टीका लगा, 80 करोड़ जनता को राशन व दवाएं पहुंचाई गई। शिक्षित बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए 25 लाख रुपए तक सरकारी कर्ज की योजना चल रही है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत हर किसी को शिक्षा का अधिकार मिल रहा है। इसी सरकार ने महिलाओं को तीन तलाक जैसी कुरीतियों से निजात दिलाया। यही वो सरकार है जिसने शादी की उम्र 18 वर्ष से 21 वर्ष कर के लड़कियों को मानसिक रूप से परिपक्व होने की बात की है। वरना पहले की सरकारें और तथाकथित सेक्यूलर दलों ने लड़कियों को मात्र बच्चा पैदा करने की मशीन समझ रखा था।