यूक्रेन के में सूमी में करीब 700 भारतीय छात्र छात्राए भारी बमबारी के बीच फंसे हुए हैं। ये छात्र सूमी से मारियुपोल की ओर निकल पड़े हैं जो कि 600 किमी की दूरी पर है। युद्धग्रस्त क्षेत्र में इतना लम्बा सफर करना बेहद खतरनाक है इन छात्रों ने साफ़ साफ़ कह दिया है, कि अगर उन्हें कुछ होता है तो सीधे सीधे मोदी सरकार और भारतीय दूतावास जिम्मेदार होगा।
छात्रों का वीडियो भी वायरल हो रहा है, विडियो में भारतीय छात्र कह रहे हैं कि ‘आज युद्ध का दसवां दिन है। हमें पता चला है कि रूस ने दो शहरों की सीमा के गलियारे को खोलने के लिए संघर्ष विराम की घोषणा की है, उनमें से एक मारियुपोल है, जो यहां से 600 किमी दूर है। सुबह से हम एयरजेट, बमबारी की आवाज सुन रहे हैं और सड़कों पर लड़ाई जारी है। । हम बहुत डरे हुए हैं और हमने लंबे समय तक इंतजार किया है और हम अब और इंतजार नहीं कर सकते। हम अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, हम सीमाओं की ओर बढ़ रहे हैं। अगर हमें कुछ होता है, तो सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
दरअसल सूमी से रूसी सीमा महज 30- 40 किलोमीटर ही दूर है, छात्र कई दिनों से सरकार से रोज अपील कर रहे थे कि उन्हे केसे भी कर के रूस के रास्ते सूमी से निकाल लिया जाए वह कई दिन से भूखे प्यासे माइनस 10 डिग्री में अपने हॉस्टल में बैठे बैठे अपने निकाले जाने का वेट कर रहे थे अब उनकी उम्मीद बिल्कुल टूट चुकी हैं इसलिए वह उल्टे मारियुपोल की तरफ निकल रहे हैं।
छात्र कह रहे हैं कि अगर हमें से किसी को भी कुछ हुआ तो ऑपरेशन गंगा सबसे बड़ी असफलता माना जाएगा। ये सुमी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंस की ओर से आखिरी वीडियो है और हम अपनी जिंदगी जोखिम में डालकर बॉर्डर की तरफ बढ़ने जा रहे हैं। ये हमारी आखिरी अपील है, आखिरी वीडियो है। सरकार भी ये जान ले कि हम अपने जोखिम पर आगे बढ़ने जा रहे हैं, ये हमारा आखिरी वीडियो है। हमें अपनी सरकार से तुरंत मदद की जरूरत है।’
ईश्वर करे ! सब सुरक्षित रहें और भारत लौट आए क्योंकि अब सिर्फ ईश्वर ही इनकी मदद कर सकता है !