फ़लस्तीन मुद्दा: संयुक्त राष्ट्र में भारत की टो टूक ‘भारत फ़लस्तीनियों की जायज़ माँग का समर्थन करता है और’

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत टीएस तिरूमूर्ति ने सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद कहा है कि भारत यरुशलम और ग़ज़ा में जारी हिंसा को लेकर चिंतित है। भारतीय दूत ने कहा कि “भारत हर तरह की हिंसा की निंदा करता है, तत्काल तनाव ख़त्म करने की अपील करता है।” भारतीय दूत तिरूमूर्ति ने कहा, “भारत फ़लस्तीनियों की जायज़ माँग का समर्थन करता है और दो-राष्ट्र की नीति के ज़रिए समाधान को लेकर वचनबद्ध है।”

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

उन्होंने कहा, “भारत ग़ज़ा पट्टी से होने वाले रॉकेट हमलों की निंदा करता है, साथ ही इसराइली बदले की कार्रवाई में भी बहुत बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे गए हैं जिनमें औरतें और बच्चे भी शामिल हैं जो बहुत दुखद है।”उन्होंने कहा, “इस हमले में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है जो अश्कलोन में एक परिचारिका थीं, हमें उनके निधन से गहरा दुख पहुँचा है।” यह पहला मौक़ा है जब भारत ने इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच जारी ताज़ा संघर्ष के बारे में खुलकर अपना पक्ष सामने रखा है, इससे पहले भारत की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया था.

यूएन में भारतीय दूत ने कहा कि तत्काल तनाव घटाना समय की माँग है ताकि स्थिति न बिगड़े और नियंत्रण से बाहर न हो जाए। तिरूमूर्ति ने कहा, “दोनों पक्षों को एकतरफ़ा कार्रवाई करके मौजूदा यथास्थिति में बदलाव की कोशिश नहीं करनी चाहिए, इसमें यरुशलम में किसी भी तरह का बदलाव न करना शामिल है।” उन्होंने कहा कि यरुशलम लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है, भारत से हज़ारों लोग यरूशलम आते हैं क्योंकि यहाँ वह गुफ़ा है जिसमें भारत के सूफ़ी संत बाबा फ़रीद ध्यान किया करते थे। भारत ने इस गुफा का संरक्षण किया है।

उन्होंने कहा कि “यरुशलम के धार्मिक स्थलों पर ऐतिहासिक रूप से चली आ रही यथास्थिति का सम्मान किया जाना चाहिए जिनमें हरम शरीफ़ और टेंपल माउंट भी शामिल हैं।” उनका कहना है कि ताज़ा संघर्ष के बाद इसराइल और फ़लस्तीनी प्रशासन के बीच बातचीत दोबारा शुरू करने की ज़रूरत और बढ़ गई है। उन्होंने कहा, “किसी तरह का संवाद न होने की वजह से दोनों पक्षों के बीच अविश्वास और बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा कि बातचीत न होने की स्थिति में भविष्य में भी ऐसे टकराव होंगे, उन्होंने बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करने पर ज़ोर दिया।

सभार BBC