लखनऊः मानवाधिकार संगठन नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजे़शन के उत्तर प्रदेश चैप्टर के उपाध्यक्ष और पत्रकार जाकिर अली त्यागी के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुंडा एक्ट के तहत मामला एक दर्ज किया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता ज़ाकिर अली त्यागी को मामले के बारे में 23 जून, 2021 को ही पता चला, जब उन्हें दो पुलिस अधिकारियों ने इसकी सूचना दी। जबकि यह मामला उनके खिलाफ लगभग तीन महीने पहले, 25 अप्रैल, 2021, को ही दर्ज कर दिया गया था, लेकिन उन्हें इसकी सूचना तक भी नहीं दी गई। मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ के परीक्षितगढ़ थाने में दर्ज है।
संगठन की प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट रीता भुइयार ने बताया है कि ज़ाकिर अली त्यागी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, उन्हें राज्य सरकार द्वारा चिन्हित और दंडित किया जा रहा है। उन्हें पहले भी दो मनगढ़ंत आरोपों में जेल भेजा जा चुका है, एक बार यूपी सरकार की सोशल मीडिया पर आलोचना करने के लिए, जिसके लिए उन्होंने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम (IT Act) के तहत 42 दिन जेल में बिताए, और एक बार गोहत्या के फर्जी मामले में, जिसके लिए उन्होंने 16 दिन जेल में बिताए, जिसके बाद उन्हें ज़मानत मिली।
राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजे़शन (एनसीएचआरओ) की प्रदेश अध्यक्ष रीता भुइयार ने कहा कि संगठन यूपी सरकार की इस हरकत की घोर निंदा करता है। हम इन डराने वाले हथकंडों से पीछे नहीं हटने वाले हैं, और मानवाधिकारों के उल्लंघनों के खिलाफ आवाज उठाना जारी रखेंगे। वह मानवाधिकारों के उल्लंघन जो देश भर में इस समय बढ़े पैमाने पर हो रहे हैं, और खास तौर से योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश राज्य में जहां मानवाधिकारो उल्लंघन के मामले सर्वाधिक है और मनवाधिकार कार्यकर्ताओ को योगी सरकार निशाना बना रही है! संगठन ने केंद्र सरकार से देश भर के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।