CWA यूथ की बैठक में युवाओं ने लिया संकल्प, शादियों में नाच-गाना बंद करने से लेकर इन 15 मुद्दों पर काम करेंगे

नई दिल्लीः सामाजिक संगठन चौधरी वेलफेयर एसोसिएशन (यूथ) की एक बैठक दिल्ली के जैतपुर में संपन्न हुई। इस बैठक में समाज के जागरुक लोगों ने शिरकत की और समाज कल्याण के लिये अपने मश्विरे दिये। बैठक में सर्वसम्मति से शादियों में होने वाले नाच-गाने से लेकर 11 मुद्दों पर काम करने का संकल्प लिया गया। इस बैठक में कहा गया कि इंतक़ाल (देहांत) सभी के लिए ग़म का वक़्त है कोई ख़ुशी का मौक़ा नहीं , इसलिए इस मौके पर बहुत दूर के मेहमानों और मय्यत वाले घर वालों के अलावा कोई भी लोकल आदमी खाना न खाएं , ये एक बेहूदा रस्म दीन ओ दुनिया दोनों लिहाज़ से जायज़ नहीं । याद रहे इस खाने में गोश्त का इस्तेमाल बिलकुल बन्द करें ।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

बैठक में संकल्प लिया गया कि रिश्ता ढूँढने या लड़की को देखने के लिए एक या दो लोग ही जाएं , इससे आप दोनों की इज़्ज़त बचेगी दोनों तरफ़ से वक़्त और पैसे की बर्बादी रुकेगी। सगाई में बहुत नज़दीकी रिश्तेदारों को ही दोनों तरफ़ से बुलाएं। चिठ्ठी (लाल खत) या तारीख़ लेने के लिए एक या दो लोग ही जाएं , इसके लिए अपने परिवार के बुजुर्गों को अहमियत दें। शादी या फंक्शन में आतिशबाज़ी डीजे, नाच- गाना आदि बिल्कुल बन्द करें, ये दीन ओ दुनिया के लिहाज़ से भी ग़लत है। बारात में सिर्फ़ उन्हीं लोगों को ले जाएं जिनका रिश्ता आपके लिए बहुत नज़दीकी हो या जिनके न ले जाने पर नाराज़गी का ख़तरा हो।

चौधरी वेलफेयर की बैठक में अपने बच्चों का निकाह मस्जिदों में ही करें, निकाह में रहमतें बरकतें नाज़िल होंगी।। शादी में सामान का दिखावा बन्द करें, सामान की लिस्ट बनाकर लड़के वालों को दें, ये लिस्ट पढ़कर न सुनाएं, अपनी औलाद को किसी की हाय या बुरी नज़र से बचाएं। जूता चुराई रस्म को ख़त्म करें , इससे समाज में बत्तमीज़ी , लड़के वालों की बेइज़्ज़ती, नफ़रत को बढ़ावा मिलता है । 10- लाड कोथली जैसी बेहूदा रस्म को ख़त्म करें , ये एक बड़ी सामाजिक बुराई के साथ – साथ आपसी नाराज़गी का सबब भी है।

बैठक में आह्वान किया गया कि शादी या फंक्शन के कार्ड ( दावतनामा ) बाँटना बन्द करें , इससे हादसों से बचाओ, वक़्त और पैसे की बर्बादी नहीं होगी कार्ड व्हाट्सएप आदि पर भेजने के बाद घर का ज़िम्मेदार फोन पर भी मुहब्बत के साथ अपने मेहमानों को दावत ज़रूर दे। अपने बच्चों को नशे की लत से बचायें और इस ज़हर से खुद भी बचें।  गोकशी व मुख़बरी बिलकुल न करें, ये दोनों काम हमारे सामाजिक रुतबे के ख़िलाफ़ होने के साथ – साथ हमारे समाज पर भी एक बदनुमा दाग़ हैं।  अपने ग़रीब पड़ोसियों, रिश्तेदारों की मदद करते रहें, उनके बच्चों की तालीम का भी इंतज़ाम करें।

चौधरी वेलफेयर की इस बैठक में निर्णय लिया गया कि मौजूदा हालात के मद्देनज़र अपने बच्चों व बच्चियों की दीनी तरबियत ज़रूर करें, जिससे उन्हें ज़िन्दगी जीने का सलीक़ा व अच्छे बुरे फ़ैसले लेने की तमीज़ आ सके। अपनों के साथ उनके ग़म या मुश्किल वक़्त में अल्लाह के लिए ज़रूर शामिल हों, चाहे कितनी भी नाराज़गी क्यों न हो। अपनी ख़ुशी में अपनों को मनाकर लाएं चाहे आपको कितना ही छोटा क्यों न बनना पड़े, आपकी ख़ुशी में चार चाँद लग जाएंगे। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा लाइब्रेरियों का निर्माण तथा युवा पीड़ी को प्रितियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने पर ज़ोर दिया गया।

बैठक की अध्यक्षता महबूब चौधरी ने की जबकि संचलान मोहम्मद मुस्लिम चौधरी ने किया। इस बैठक में इंजीनियर मोहम्मद जाबिर, बाबर चौधरी, शादाब चौधरी, वसीम अहमद, आसिम चौधरी, क़ासिम चौधरी, नईम चौधरी, डॉ. अख़लाक अहमद उस्मानी, राहत चौधरी, तैमूर चौहान, मोहम्मद अशरफ, ज़िया चौधरी, वजाहत चौधरी, खामिश चौधरी, जावेद चौधरी, वसीम अकरम त्यागी समेत बहुत से गणमान्य लोगों ने शिरकत की।