इमरान प्रतापगढ़ी को थाली में सजी नहीं मिली है वो डिज़र्व करते थे!

इस्लाहुद्दीन अंसारी

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इमरान को राज्यसभा थाली में सजी नहीं मिली है वो डिज़र्व करते थे, हिंदुस्तान के सबसे कामयाब और महंगे प्रोफेशनल शायर होने के बावजूद कांग्रेस के सबसे मुश्किल वक्त में उसका दामन थाम लेना कोई इतना आसान फैसला भी नहीं था, ऐसे वक्त में जब राहुल की नेतृत्व क्षमता पर सैकड़ो प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे थे तब उन पर विश्वास जताना कोई इतना भी आसान फैसला नहीं था। आपकी उनसे हज़ारो असहमतियां हो सकती है, और हो सकता है कई मौको पर आप उनसे इत्तेफ़ाक ना भी रखते हो पर उनका संघर्ष बड़ा है, उनकी मेहनत मामूली नहीं है, उन्होने भले समय कम लिया हो पर यहां तक़ पहुंचने के लिये बड़ा लंबा और मुश्किल सफर तय किया है।

दूर से देखने वालो को उनकी कहानी चमत्कारिक सी लग सकती है, उनको लग सकता है की महज़ कुछ साल पहले कांग्रेस का हाथ थामने वाला एक शायर इतने कम समय में राज्यसभा की सीढ़ियां चढ़ गया कांग्रेस की अग्रिम पंक्ति के नेताओ में शुमार हो गया पर उन्हे नज़दीक से देखने वाले बखूबी जानते हैं की इमरान कितने असाधारण हालातो से गुज़र कर यहां तक़ पहुंचे हैं, जिन्होने नज़दीक से उनकी आंखों की नमी, उनके पैरो के छालो और पसीने से तर-बतर उनके वजूद को देखा है वो जानते हैं उनके यहां तक पहुंचने का सही अर्थ।

वो शायद देश के अकेले राज्यसभा सांसद होंगे जो सोशल मीडिया के ज़रिये एक बड़ी तादाद में लोगो तक़ गहरी पैठ रखते हैं इसका अन्दाजा आप इस बात से लगा सकते हैं अकेली मेरी पांच हज़ार की फ्रेंडलिस्ट में से कम से कम एक सैकड़ा से ज्यादा लोगो को वो पर्सनली नाम से जानते होंगे कोई राष्ट्रीय स्तर का नेता इससे ज्यादा सोशल भी हो सकता है भला ?? और जब इस तरह की शख्सियत होने के बावजूद आप इतनी बड़ी तादाद में लोगो के बीच रहते हैं जहां व्यक्तिगत तौर पर आप लोगों से जुड़े होते हैं तब ज़ाहिर सी बात है लोग आपसे उम्मीदें भी बहोत रखते हैं।

अब बारी इमरान की है की जिस तरह से वो मंचो पर पूरी बेबाकी और निडरता से मज़लूमो की आवाज़ बनकर गूंजते रहे है, देश और संविधान की जो फिक्र उनकी बातों में साफ़ ज़ाहिर होती रही है वो संसद में भी अपना वही लहज़ा और बेबाक अंदाज़ बरकरार रखते हुए सबके लिये लड़ते और बोलते रहें, मज़लूमो की आवाज बनकर उनके हक़ के लिये लड़ते रहें।

आप सब भी धैर्य रखते हुए इमरान की इस नई पारी पर नज़र रखिये पिछले इख्तेलाफो को दरकिनार करके उन्हें बतौर राज्यसभा सांसद खुद को साबित करने का मौका दीजिए मुझे पूरी उम्मीद है की संसद में आपकी नुमाइंदगी के मामले मे वो आपको ज़रा भी निराश नहीं करेंगे।

खैर आप सबको आपका नया सांसद मुबारक़ हो और कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाला शीर्ष स्तर का एक नया चेहरा जिसके पास अभी देश और पार्टी को देने और कुछ करने के लिये बहोत सारा कुछ है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)